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नामोकेशिया जमीन विवाद बनी अधिकारियों की उलझन

बैठक करते अधिकारी

जमीन विवाद पर उलझन बरकरार

सलानपुर -बीते दिनों जमीन विवाद को लेकर रणक्षेत्र बने नामोकेशिया गाँव का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, गाँव के आदिवासी समुदाय किसी भी हाल में यहाँ निर्माण कार्य को आरंभ नहीं करने की जिद पर अड़े है. इस समस्या से प्रशासनिक अधिकारियों की नींद हराम हो गयी है. इस विवाद को सुलझाने के लिए मंगलवार को सलानपुर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी तपन सरकार के कार्यालय में एक बैठक किया गया. जिसमें निर्माण कार्य पुनः चालू कराने को लेकर अधिकारियों के बीच मंथन किया गया. हालांकि इस बैठक से मीडिया कर्मियों को दूर रखा गया था.

अधिकारी बैठक कर मंथन करने में जुटे

बैठक में मुख्य रूप से सलानपुर थाना प्रभारी पीके गांगुली, रूपनारायणपुर फांड़ी प्रभारी सिकंदर आलम,सलानपुर पंचायत समिति सभापति श्याल मजुमदार, पश्चिम बंगाल हाउसिंह डिपार्टमेंट के उच्च अधिकारी, बीएलआरओ रूद्ररूप भट्टाचार्य समेत उत्तर रामपुर जीतपुर पंचायत प्रधान अपर्णा राय उपस्थित थी. जबकि इस बैठक में आदिवासियों का कोई भी प्रतिनिधि दल मौजूद नहीं था. पूरे प्रकरण में अब प्रशासन और आदिवासी आमने- सामने हो चुकी है, और दूसरी तरफ आदिवासी अपनी जिद पर अड़े हुए है. आगामी पंचायत चुनाव को लेकर कोई भी राजनीतिक दल इस पचड़े से खुद को दूर रखने में ही अपनी भलाई समझ रहे है. पंचायत समिति सभापति श्यामल मजुमदार ने कहा कि इस कार्य से सलानपुर समेत नामोकेशिया गाँव का स्वर्णिम विकास होगा, किन्तु भोले- भाले आदिवासियों को कुछ राजनीतिक दल के लोग दिग्भ्रमित कर रहे है, उन्होंने कहा जल्द ही एक दल ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्या पर वार्ता करेंगा. दूसरी ओर हाउसिंह डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने मिडिया को कुछ भी बताने से इंकार किया.

निर्माण के विरोध में अड़े है आदिवासी

ग्रामीण आदिवासी बाबुराम सोरेन ने कहा कि किसी भी हाल में यहाँ निर्माण कार्य आरंभ नहीं होने दिया जायेगा, यहाँ के जमीन पर ग्रामीणों का हक़ है और जमीन हड़पने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है. बताते चलें कि सलानपुर थाना अंतर्गत उत्तर रामपुर, जीतपुर पंचायत स्थित नामोकेशिया गाँव में बीते शुक्रवार को ब्रिज एंड रूफ इंडिया लिमिटेड नामक कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा यहाँ स्थित 26 एकड़ जमींन पर 119कमरों का चारमंजिला भवन निर्माण कार्य आरंभ किया गया था. जिसकी जानकारी पाकर गाँव के लगभग 300 आदिवासियों ने कर्मचारियों पर हमला बोल दिया था. घटना में लगभग कंपनी के आधा दर्जन लोग घायल हो गए थे. घटना में बोलेरो, जेसीबी, पोकलेन, अदि मशीनो में जमकर तोड़फोड़ किया गया था. 123 करोड़ 25 लाख 72 हजार की लागत से पश्चिम बंगाल हाउसिंह  डिपार्टमेंट द्वारा बनायीं जा रही इस प्रोजेक्ट में मार्केट काम्प्लेक्स, हॉस्पिटल, पार्क मल्टीप्लेक्स समेत कोल इंडिया विस्थापित पुनर्वास की योजना है. हालाँकि घटना के बाद से ही यहाँ पर निर्माण कार्य स्थगित है, किन्तु सूत्रों की माने तो वरीय अधिकारियों द्वारा  इस मुद्दे को सुलझाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.

बीते शुक्रवार को हुआ था बड़ा हंगामा

जमीन हथियाने पर भड़के आदिवासी, किया हमला

 

 

Last updated: मार्च 20th, 2018 by kajal Mitra