बाल विवाह की मान्यता आज के आधुनिक युग में दिखना इस बात को दर्शाता है कि हम आज भी औरो से बहुत पीछे रहे गए है. लेकिन आज के युवा पीढ़ी इस कुप्रथा को समाप्त करने में आगे आ रहे है. ऐसा ही एक मामला पांडेश्वर थाना अंतर्गत वैधनाथपुर पंचायत स्थित मोहाल गाँव में देखने को मिली. जहाँ एक नाबालिक लड़की की शादी उसके अभिभावकों ने तय कर दी. जबकि नाबालिक इस शादी के खिलाफ थी और वह आगे की पढ़ाई पूरी करना चाहती थी.
उसने अपने माता-पिता से अपनी इच्छा जाहिर कि लेकिन उसकी एक ना सुनी गई. थक-हार कर उक्त नाबालिक लड़की को पुलिस -प्रशासन को अपनी शादी रुकवाने के लिए आवेदन करना पड़ा. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और उक्त नाबालिक लकड़ी की शादी रुकवा दी साथ ही माता-पिता को सख्त हिदायत दिया कि वे अपनी बेटी की शादी बालिक होने पर ही करे अन्यथा क़ानूनी कार्यवाही को बाध्य होना पड़ेगा.
घटना के संबंध में बताया जाता है कि मोहाल गाँव निवासी साधन मंडल की नाबालिक पुत्री 17 वर्षीय सुदेशना मंडल अभी उच्च माध्यमिक की पढ़ाई कर रही है. जिसकी शादी इसी महीने होने वाली थी. लेकिन नाबालिक होने के साथ ही सुदेशना अभी शादी करने के बजाय और पढ़ना चाहती थी. इसीलिये सुदेशना ने प्रशासन को पत्र लिखकर इस शादी को रोकने का आग्रह किया था. जिसके तहत प्रखंड के अधिकारी और पुलिस ने सुदेशना मण्डल के घर आकर उसके पिता और माता से मुलाकात करने के बाद नियमानुसार उसे एक वर्ष बाद शादी करने की बात कही और एक माफीनामा आवेदन लिखवा लिया.
निसंदेह सुदेशना से आज की लडकियों को प्रेरणा लेने की जरूरत है. जो अपने परिवार और पुरे समाज के खिलाफ जाकर ऐसी रुढ़िवादी सोच और परम्परा को चुनौती देने की हिम्मत रखती है.