बाबुल की गलियों में धमाचौकड़ी, और उछल-कूद से भरा बचपन चोट लगने पर माँ माँ चिल्लाने वाली महज 14 वर्षीय ख़ुशी(काल्पनिक नाम) आज खुद माँ बन चुकी है, उनका नन्हा सा पुत्र माँ की गोद में किलकारियाँ भर कर अपनी मासूम माँ को निहारती रहती है, किन्तु जन्म से ही अभागा बच्चे को अब तक धरती पर अपने पिता का दीदार नहीं हुआ है, आत्मा को व्याकुल कर देने वाली ‘‘बच्चे की गोद में बच्चा’’ का यह दृश्य आज सालानपुर और रूपनारायणपुर की हर चौखट पर मिन्नत और फरियाद करते देखी जा सकती है ।
रूपनारायणपुर जोड़बाड़ी मिर्धापाड़ा की रहने वाली ख़ुशी अपनी दो बहन तथा एक भाई से बड़ी है, पिता बस में खलासी का काम करते है, घर की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण ख़ुशी और उसकी माँ रसूखदारों के घरों में झाड़ू पोछा का काम करती है, इसी क्रम में एक दिन ख़ुशी के पेट में अचानक दर्द होने पर घर वालों ने उन्हें रूपनारायणपुर स्थित पिठाक्यारी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहाँ चिकित्सकों ने ख़ुशी के पेट में 7 माह की गर्भ होने की बात कही, सोच से भी विपरीत अकल्पनीय इस कथन से परिजनों के पाँव तले जमीन खिसक गयी ।
घर आकर परिवार द्वारा ख़ुशी से पूछने पर उन्होंने लगभग 52 वर्षीय एक (कल्याणग्राम 2) निवासी चिरेका कर्मी पर पैसे और लोभ देकर योन शोषण करने की बात कही, साथ ही इस बात को किसी से कहने पर दुस्परिणाम भुकतने की धमकी दी, ख़ुशी के पिता बतातें है कि आरोपी को घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने मानवता को शर्मशार करते हुए पैसे की प्रलोभन देकर ख़ुशी को तत्काल गर्भपात कराने की सलाह दी,
किन्तु मेने यह पाप करने से इंकार कर दिया, उन्होंने कहा कि ख़ुशी का जीवन हमेशा के लिए बर्बाद हो चुकी है, उन्हें सिर्फ इंसाफ चाहियें और दुष्कर्मी को सजा मिलनी चाहियें । उन्होंने कहा कि विगत 18 नवम्बर को ख़ुशी ने आसनसोल स्थित पश्चिम बर्द्धमान जिला अस्पताल में एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया है, दुष्कर्मी आज भी समाज में खुले घूम रहे है ।