पंद्रह लाख की फिरौती नहीं मिलने पर छात्रा की कर दी गयी हत्या , घटना से लोगों में भारी आक्रोश , सड़क जाम कर जताया विरोध प्रदर्शन ।
आसनसोल के धेमोमेन इलाके से पैसों के लिए पहले अपहृत हुई और बाद में हत्या का शिकार हुई अमनप्रीत कौर की हत्याकाण्ड से पुलिस ने 24 घण्टे के अंदर ही पर्दा उठा दिया है।
इस घटना को लेकर आसनसोल दुर्गापुर पुलिस के एडीसीपी सायक दास ने एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया। प्रेस वार्ता के दौरान सायक दास ने बताया कि 10 अगस्त को आकाश और विजय नामक दो दोस्तों ने पहले अपने दोस्त अमनप्रीत कौर को फ़ोन कर बुलाया और बाद में अपने 4 अन्य साथियों के साथ मिलकर उसका अपहरण किया।
यही नहीं सभी ने मिलकर 15 लाख रुपये की फिरौती की मांग अमनप्रीत कौर के परिजनों से की। लेकिन पुलिस में इस बात का खुलासा होने के बाद सभी ने मिलकर अमनप्रीत की गला दबा कर हत्या कर दी।
पुलिस ने इस मामले से जुड़े सभी 6 आरोपियों को कोलकाता से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार हुए लोगों में दीपिका साहा, विजय प्रसाद, सुप्रिया बक्शी, आकाश साहा, अलीशा साहा और प्रवीण राय शामिल है।
पुलिस ने आरोपियों को आसनसोल जिला अदालत में पेश कर उन्हें 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने की मांग की है।
दस अगस्त से लापता थी युवती 13 अगस्त को मिली लाश
आसनसोल के बालका सिंह की पुत्री अमनप्रीत कौर बीते दस अगस्त से ही लापता थी। इस बाबत थाने में शिकायत भी दर कराई गयी । दूसरे दिन ही उनके पिता को मोबाइल में एक मैसेज आया कि “आपकी बेटी मेरे साथ शादी करने के लिए भागी है। पंद्रह लाख की रकम देकर अपनी बेटी ले जाएँ , दुबारा मैसेज भेज कर जगह बताऊंगा , पुलिस में शिकायत की तो बेटी से हाथ धो बैठेंगे । ”
छात्रा के पिता ने इसकी जानकारी पुलिस को दी और पुलिस की चहलकदमी बढ्ने से हत्यारों ने अमनप्रीत कौर की हत्या कर लाश को अपकार गार्डेन के पास के रेलवे लाइन के पास फेंक दिया । मंगलवार को पिता को सूचना दी गयी कि उनकी बेटी की हत्या कर दी गयी है।
पिता बालका सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस को लाश रात के डेढ़ बजे ही मिली थी लेकिन उन्हें दूसरे दिन सुबह में सूचना दी गयी ।
बुधवार को जिले भर के गुरुद्वारा प्रबन्धक कमिटी के सदस्यों ने आसनसोल में सड़क जाम विरोध प्रदर्शन किया । उनके साथ काफी संख्या में स्थानीय लोग भी थे । सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबन्धक कमिटी के प्रधान तेजिंदर सिंह ने कहा कि हमलोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि दोषी पुलिसकर्मी पर कार्यवाही हो और इस तरह की घटना दुबारा न घटे ।
अंडाल गुरुद्वारा कमिटी के सचिव अजित सिंह ने कहा कि पुलिस यदि सक्रियता दिखाती तो अमनप्रीत जिंदा मिल जाती । पुलिस की लापरवाही के कारण ही उसकी हत्या हो गयी ।