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नक्सल छोड़ने पर नक्सलियों ने की हत्या , बिहार के संग्रामपुर की है घटना

नक्सल प्रभावित चानन थाना क्षेत्र के संग्रामपुर पंचायत के उप मुखिया वीरेंद्र कोड़ा हत्याकांड के मामले में मृतक के पिता रामदेव कोड़ा के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। थानाध्यक्ष सुनील कुमार झा ने बताया कि चानन थाना कांड संख्या 149/17 दर्ज कर मामले की जांच -पड़ताल जारी है। रामदेव कोड़ा ने आगे कहा है कि उसके पुत्र वीरेंद्र कोड़ा की हत्या के पीछे ग्रामीण ब्रह्मदेव किस्कू से जमीन विवाद होने का भी कारण बताया है।

नक्सल छोड़ने के कारण हुयी हत्या : थानाध्यक्ष

इस बीच थानाध्यक्ष सुनील कुमार झा ने बताया की उप मुखिया वीरेंद्र कोड़ा पूर्व में हार्डकोर नक्सली था जो जेल भी जा चुका है। जेल से छूटकर आने के बाद नक्सली से दूर रहने के कारण उसकी हत्या की गई है। नक्सल प्रभावित चानन थाना क्षेत्र के संग्रामपुर पंचायत के उप मुखिया कछुआ गांव निवासी रामदेव कोड़ा का पुत्र वीरेंद्र कोड़ा नक्सली संगठन में संलिप्त था। वर्ष 2013 में वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया। पुलिस ने उसे जेल में डाल दिया। इसके बाद संगठन के किसी भी सदस्य ने उसकी सुध नहीं ली। उसके परिवार में भोजन के लाले पड़ने लगे। ढ़ाई साल बाद वह जब जेल से निकला तो उसने दुबारा संगठन के लिए काम करने से इन्कार कर दिया। वह मुख्य धारा में रहकर अपने परिवार और समाज के लिए जीने की कसम खा ली। पत्नी सोफिला और शबनम ने बताया कि वर्ष 2016 के पंचायत चुनाव का समय आ गया। वीरेंद्र अपने गांव से वार्ड सदस्य चुने गए। इसके बाद वह पंचायत के उप मुखिया बन गए। इस बीच बार-बार नक्सली संगठन में शामिल होने का दबाव वह झेलता रहा। आखिरकार 19 दिसंबर को विरोध दिवस के मौके पर नक्सलियों ने विरोध करने वाले वीरेंद्र कोड़ा को गोलियों से भून डाला।

Last updated: दिसम्बर 22nd, 2017 by Sanjeev Kumar Gandhi