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मुआवजा राशि देने से अस्पताल का आर्थिक ढांचा हुआ कमजोर -प्रबंधन

फ़ाइल फोटो

गरीबों के इलाज के लिए मसीहा के रूप में माने जाने वाले मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी अस्पताल को भी एक प्रसूता के मौत के पश्चात दूसरे अन्य बड़े नामी गिरामी अस्पतालों एवं नर्सिंग होमों  की तरह 5 लाख रुपए की  मुआवजा राशि चुकानी पड़ी।

यह राशि बुधवार को अस्पताल प्रबंधन की ओर से स्थानीय शाखा सचिव राजेंद्र प्रसाद खेतान अस्पताल के प्रबंधकीय कमिटी में कार्यरत अरविंद सिंघानिया, राजीव झुनझुनवाला एवं समाजसेवी गोपालाचार्य के नेतृत्व में मेजिया ग्राम की रहने वाली इलाज के दौरान मारी गई मृतिका मिनोति मंडल के नवजात शिशु अनिकेत मंडल के नाम पर 3 लाख का चेक जबकि उसके पिता समीरन मंडल को एक लाख एव मृतिका के पिता प्रदीप पात्रों को 1 लाख का चेक प्रदान किया गया।

आज तक किसी मरीज की मौत पर क्षतिपूर्ति नहीं दी गयी थी  : अस्पताल के सचिव राजेंद्र प्रसाद खेतान

रानीगंज थाना के अधिकारी पूर्णेन्दु राय के हाथों यह राशि प्रदान की गई। इस घटना के पश्चात मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी अस्पताल के सचिव राजेंद्र प्रसाद खेतान ने दुःख जाहिर करते हुए कहा मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी अस्पताल कोलकाता के मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी अस्पताल अन्तर्गत चलती है। इस वर्ष यह अस्पताल 50 वर्ष के गौरवमय वर्ष पालन कर रही रही है। आज तक कभी भी किसी भी मरीज की मौत के पश्चात क्षति पूरन के रूप में कभी कोई आर्थिक राशि प्रदान नहीं की  गई है, पर पहली बार इलाज में बिना कोई लापरवाही के पस्चात क्षतिपूरन देनी पड़ रही है। मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी अस्पताल ऐसे ही समाज के दाताओं के दान से चलती है, उस पर इतनी बड़ी रकम का प्रदान किया जाना इस अस्पताल के आर्थिक ढांचा को कमजोर कर दिया है एवं इससे उबर पाने में अस्पताल को काफी समय लगेगी।

जरूरतमंदों का इलाज करने पर सोचने के लिए  मजबूर हो जाएँगे : अस्पताल के चिकित्सक

ज्ञात हो कि रानीगंज मारवाड़ी सोसायटी अस्पताल आसपास के लगभग 10किलोमीटर के दायरे में यही एकमात्र अस्पताल है, जहाँ लोग बिना कोई आर्थिक प्रतिबंध के किसी भी बीमारी के लिए पहुँचते हैं एवं अस्पताल प्रबंधन तत्परता से उनका इलाज करते हैं , काफी कम शुल्क में उनका इलाज होता हैं। जिनके पास इलाज का खर्च नहीं होता है उन्हें अस्पताल प्रबंधन अपने खर्च से इलाज करती है एवं जिनके पास दवा खरीदने के लिए पैसा नहीं रहते हैं, उन्हें अस्पताल के दाताओं के माध्यम से दवा भी प्रदान की जाती है।  ऐसे अस्पताल में 5 लाख का मुआवजा राशि प्रदान किया जाना इस समाज के लिए सोचने समझने का विषय है। वहीं अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है यही स्थिति रही तो जरूरतमंदों का इलाज करने पर सोचने के लिए  मजबूर हो जाएँगे।

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Last updated: जनवरी 2nd, 2019 by Raniganj correspondent