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विधायक जितेंद्र तिवारी ने ईसीएल अधिकारियों को क्यों कहा चोर

अंडाल थानांतर्गत ईसीएल काजोड़ा एरिया के जामवाद कोलियरी क्षेत्र में भू धँसान की घटना घटी जिसमें एक महिला ज़मींदोज़ हो गयी । घटना शुक्रवार रात करीब ढाई बजे घटी लेकिन सुबह तक ईसीएल की कोई भी रेसक्यू टीम न पहुँचने के कारण स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया । मौके पर पहुँचे इलाके के विधायक जितेंद्र तिवारी ईसीएल से इतने नाराज हुये कि ईसीएल को चोर , कोयला चोर तक कह डाला । उन्होंने कहा कि चूंकि यहाँ गरीब लोग रहते हैं इसलिए ईसीएल ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया ।

दरअसल घटना जिस स्थान पर घटित हुई वहाँ ईसीएल के परित्यक्त आवास हैं जिसमें कुछ स्थानीय गरीब लोग रहते हैं । शुक्रवार रात करीब ढाई बजे जब सभी लोग अपने-अपने घरों में सोये हुये थे तभी एक ज़ोर की आवाज हुई । तेज आवाज सुनकर जब लोग उठे तो देखा कि जमीन में दरार आ गयी है । धीरे-धीरे यह दरार बढ़ती गयी जिसमें कई क्वार्टर भी समा गए । उसी में शहनाज बानो नाम की 45 वर्षीय महिला भी ज़मींदोज़ हो गयी ।

इलाके में हाहाकार मच गए । तुरंत ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और ईसीएल के संबन्धित अधिकारियों को खबर भिजवाई गयी लेकिन शनिवार सुबह काफी देर तक जब ईसीएल की रेसक्यू टीम नहीं पहुँची तो विधायक जितेंद्र तिवारी बहुत नाराज हुये और ईसीएल अधिकारियों को कोयला चोर तक कह दिया । यह कोई पहला मौका नहीं है जब विधायक जितेंद्र तिवारी ने ईसीएल पर आरोप लगाए हैं इससे पहले भी वे ईसीएल पर हमलावर रहे हैं और कई बार उन्होने प्रबंधन पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं ।

एक बार के लिए ईसीएल अधिकारियों को कोयला चोर कहना अजीब लग सकता है लेकिन ईसीएल के काजोड़ा क्षेत्र की स्थिति को भी समझना जरूरी है । दरअसल ईसीएल के काजोड़ा क्षेत्र में तीन -चार जगहों पर बड़े पैमाने पर अवैध कोयला उत्खनन चलता है । मंडे मॉर्निंग न्यूज़ नेटवर्क ने कई बार इस पर विस्तृत खबर प्रकाशित भी की है लेकिन आज तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई । दिन के उजाले में बड़े-बड़े मशीनों को लगाकर इतने बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन होता है कि साधारण व्यक्ति समझ ही नहीं पाएंगे कि यह अवैध उत्खनन हैं । उन्हें लगेगा कि यह भी ईसीएल का ही कोई प्रोजेक्ट है ।

जाहिर है जब एरिया में इतने बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन हो रहा है तो इसकी जानकारी एरिया के उच्च अधिकारियों को नहीं होगी ऐसा सोंचना बेवकूफी ही है। शायद यही कारण है कि पाण्डेश्वर विधायक जितेंद्र तिवारी ने ईसीएल को कोयला चोर तक कह दिया । हालांकि कोयला चोरी रोकने की ज़िम्मेदारी ईसीएल के साथ-साथ स्थानीय पुलिस की भी होती है और ईसीएल के ही सुरक्षा अधिकारी ने एक बार अपने बयान में कहा था कि कोयला चोरी रोकने में यहाँ कि पुलिस उनका सहयोग नहीं करती है ।

कोयला चोरी के ये आरोप-प्रत्यारोप तो चलते रहेंगे लेकिन भू धँसान से एक महिला की मृत्यु हो गयी इसपर किसकी जवाबदेही बनती है । ये सही है कि जहाँ घटना घटित हुई वह ईसीएल का परित्यक्त आवास था । इन आवासों में हुई दुर्घटना पर ईसीएल की कोई जवाबदेही नहीं बनती है लेकिन जमीन का धँसान ईसीएल के किसी भी क्षेत्र में हो उसकी पूरी ज़िम्मेदारी बनती है रेसक्यू करने की । हालांकि बाद में ईसीएल की रेसक्यू टीम मौके पर पहुंची लेकिन जब एक महिला धँसान में चली गयी तो मानवीय आधार पर ईसीएल को घटना के तुरंत बाद ही रेसक्यू करना चाहिए था । इतने दिनों से परित्यक्त आवास में क्यों लोगों को रहने दिया गया उनका पुनर्वास क्यों नहीं कराया गया ।

वीडियो देखें

https://youtu.be/4X86RnmoFPQ

Last updated: जून 21st, 2020 by News-Desk Andal