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मिहिजाम का युवक 4 करोड़ के जाली चेक के साथ पटना से गिरफ्तार,अन्य साथियों को तलाश रही है पुलिस

मिहिजाम का राजकुमार उर्फ हेमंत कुमार पटना में गिरफ्तार, 4.57 करोड़ का जाली चेक लेकर पहुँचा था बैंक

मिहिजाम। बिहार की राजधानी पटना में जाकर मिहिजाम अंबेदकर नगर निवासी राजकुमार उर्फ हेमंत कुमार ने कुल 4 करोड़ 57 लाख रुपये जालसाजी कर चेक के माध्यम से निकालने की कोशिश की लेकिन पुलिस के शक होते ही वह दबोच लिया गया। चेक बैंक में जमा करने के दौरान बैंककर्मियों ने एक जालसाज को पुलिस की मदद से पकड़ा जबकि बाकी तीन भागने में सफल रहे।

कॉलेज ऑफ कॉमर्स स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में सोमवार 18 जून की दोपहर डेढ़ बजे का यह मामला है। पत्रकारनगर थाने की पुलिस को गिरफ्तार जालसाज राजकुमार के पास से दो आधार कार्ड मिले हैं। एक पर उसका नाम राजकुमार जबकि दूसरे पर हेमंत कुमार है। दोनों पर मुजफ्फरपुर और झारखंड के मिहिजाम, जामताड़ा का पता है। इसके अलावा पुलिस ने जालसाज के पास से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के दो जाली चेक बरामद किये जो पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के हैं। दोनों चेकों पर रजिस्ट्रार और वहाँ के फाइनेंशियल ऑफिसर के जाली हस्ताक्षर हैं।

गिरफ्तार युवक

घटना के बारे में बताया जाता है कि बैंक प्रबंधन को किसी तरह का शक न हो इसलिए पहले रजिस्ट्रार बनकर बैंक मैनेजर मनोज कुमार को फोन किया। इसके बाद दो युवक जाली चेक बैंक आ गये। एक चेक एक करोड़ 52 लाख आठ हजार रुपये जबकि दूसरा तीन करोड़ 50 लाख एक हजार रुपये का था। जब मैनेजर ने दोनों चेक पर हस्ताक्षर की जाँच की तो उन्हें शक हुआ और पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के अफसरों से फोन कर चेक आरटीजीएस करवाने के बारे में पूछा। जवाब मिला कि यूनिवर्सिटी की ओर से किसी तरह का चेक बैंक में नहीं दिया गया है।

मिहिजाम थाना प्रभारी ने जानकारी होने से किया इंकार

सूत्रों का कहना है कि घटना के बाद से कई बार पुलिस मिहिजाम अंबेदकरनगर पहुँचकर राजकुमार के घरवालों से पूछताछ की है। पत्रकारनगर के थानेदारों को पकड़े गये जालसाज के आधार कार्ड का सत्यापन करने के निर्देश भी दिये गया था जिसके आधार पर सत्यापन के लिए पुलिस मिहिजाम आयी थी ऐसा खबर है। लेकिन मिहिजाम थाना प्रभारी गयानन्द यादव से जब इस मामले के बारे में आज पूछा गया तो कहा कि मुझे इसके बारे में पता नहीं है।

बैंक एकाउंट खंगालने में जूटी पुलिस टीम

पकड़े गए जालसाज का बैंक एकाउंट भी पुलिस टीम खंगालने में जुट गयी है। उन बैंक खातों का डीटेल भी निकाला जा रहा है जहाँ रुपये आरटीजीएस से जमा करवाये जाने थे। इसके बाद पुलिस आगे की कार्यवाही करेगी। डीआईजी सेंट्रल रेंज ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर पुलिस टीम बाहर के राज्यों में भी जायेगी ताकि इन जालसाजों के पूरे गैंग के बारे में जानकारी मिल सके। जालसाजों को पता था कि कबीर जयंती को लेकर सोमवार को विश्वविद्यालय बंद है। इस कारण उन्होंने छुट्टी के दिन क्लोन चेक को भुनाने की योजना बनायी थी। बताया जाता है कि पकड़े गए राजू ने पुलिस को बताया कि उसे किसी कालेज कर्मी और बैंक कर्मी ने चेक का प्रारूप व्हाट्सएप पर भेजा, जिसके बाद जालसाजी कर धनवान बनने का सपना आया था।

विश्व प्रसिद्ध सायबर क्राईम के गढ़ होने के नाते राजू और उसके साथियों ने पहले जामताड़ाका कर्माटांड़ के हैकरों से संपर्क करने की खबर आ रही है, पता चला है कि जब हैकर्स फेल हो गए तो डायरेक्ट चेक क्लोनिंग की साजिश रची गई।

राजकुमार के बारे में बताया जा रहा है कि वह मिहिजाम थाना का निजी वाहन चालक के तौर पर काम कर चुका है साथ ही मानवाधिकार एनजीओ का भी सदस्य रह चुका है। राजू की गिरफ्तारी के बाद उसके साथियों ने अपना मोबाइल बंद कर रखा है। लेकिन पुलिस राजू की निशान देही पर आगे की कार्यवाही में जुटी हुई है।

Last updated: जून 26th, 2019 by Om Sharma