संघर्ष ,जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और आपदाएं लोगों को आश्रय की तलाश में अपने घरों से बाहर धकेल रही है। अपनी यात्राओं में उन्हे अक्सर तस्करी और शोषण के जोखिमों का सामना करना पड़ता है। उक्त बातें आज विश्व प्रवासी दिवस के अवसर पर प्रवासी भाईयो बहनों के सम्मान में अंतराष्ट्रीय शासकीय संस्थान सोसाइटी के हजारीबाग जिला संयोजक, जनसाहस संस्था दिल्ली के जन साथी, मुकुंद साव ने कहा उन्होंने कहा कि हाल के वर्षो में, संघर्ष, असुरक्षा,और जलवायु परिवर्तन, युद्ध और संघर्ष के प्रभावों ने देश या सीमाओं के भीतर जबरन आंदोलन में भारी योगदान दिया है। 2020 में 281 मिलियन से अधिक लोग अंतराष्ट्रीय प्रवासी थे, जबकि 2021 के अन्त तक 59 मिलियन से अधिक लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो गए थे, लोगो को स्थांतरित करने के लिए मजबूर करने वाले कारणों के बावजूद प्रवासी और विस्थापित लोग समाज में कुछ सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले समूहों का प्रतिनिधित्व करते है और अक्सर दुर्व्यवहार तथा शोषण के संपर्क में आते है। स्वास्थ्य सेवा सहित आवश्यक सेवाओं तक सीमित पहुंच रखते है और जेनो फोबिक हमलों का सामना करते है, दूसरी ओर कई प्रवासी श्रमिक अक्सर अस्थायी, अनौपचारिक, या असुरक्षित नौकरियों में होते है जो उन्हें असुरक्षा,छटनी और काम करने की खराब परिस्थितियों के अधिक जोखिम में डाल देता है। सुरक्षित और नियमित प्रवास मार्गो की लगातार कमी के कारण लाखों लोग हर साल खतरनाक यात्राएं करते रहते है। 2004 के बाद से दुनिया भर में पचास हजार से अधिक प्रवासियों ने प्रवासी मार्गो पर अपनी जान गवाई है। इसके बावजूद प्रवासी मूल, पारगमन और मेजबान देशों के लिए समृद्धि, नवाचार और सतत विकास का श्रोत साबित हुए है।प्रेषण के माध्यम से उनका वित्तीय योगदान परिवारों को एक जीवन रेखा प्रदान करता है और विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों के स्थानीय बाजारों को बढ़ावा देता है। जबकि श्रम बाजार में उनकी भूमिका अमूल्य है, जैसा कि कोविड -19 महामारी प्रतिक्रिया की अग्रिम पंक्ति पर स्पष्ट है, उनके ज्ञान, नेटवर्क और कौशल ने लचीले समुदायों के विकास में बहुत योगदान दिया है। स्थानीय विकास में प्रवासियों के योगदान को मजबूत करने के लिए प्रवासन के शासन में सुधार लाने और प्रवासियों के सामने आनेवाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। इसके लिए शासन और प्रशासन के लोगो को भी सहयोग करना चाहिए, तभी प्रवासी का मूल जीवन में सुधार हो सकेगा।
प्रवासी कमजोर और हाशिए पर है, जिम्मेवार कौन -मुकुंद साव

Last updated: दिसम्बर 18th, 2022 by