सालानपुर। इसीएल सालानपुर एरिया अंतर्गत डाबर कोलयरी कोयला खदान में मंगलवार को लगभग 11 बजे एक अधेड़ उम्र की व्यक्ति कोयला खदान में गिर जाने से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गया।
घटना के बाद से इसीएल प्रबंधन एवं सुरक्षा कर्मी और स्थानीय पुलिस की हाथ पांव फूल गई, हालांकि आनन फानन में स्थानीय लोगों की सहयोग से अधेड़ व्यक्ति की कमर में रस्सी बांधकर खदान से बाहर निकाला गया।
जिसके बाद से ही पुलिस और इसीएल प्रबंधन ने पूरे मामले पर पर्दा डाल दिया, किसी ने अधेड़ को पागल तो किसी ने घटना ही नही होने की वकालत की।
घटना के बाद वृद्ध व्यक्ति को कहाँ ले गया किसी को कुछ भी नही पता, व्यक्ति घायल है या अनहोनी हो चुकी है कोई कुछ भी बोलने को तैयार नही है, खदान में गिरे व्यक्ति(दिव्यांग)है उनका एक हाथ नही है।
पूरे प्रकरण में इसीएल की सुरक्षा की पोल खुल चुकी है, की वृद्ध व्यक्ति कौन था तथा इसीएल की सुरक्षा कवच को भेदकर (ओपन कास्ट) खदान तक कैसे पहुँचा, या वह खदान में कोयला चोरी करने गया था? पूरे प्रकरण में इसीएल और पुलिस की चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है।
वही मामलें को लेकर डाबर कोलयरी एजेंट दिनेश प्रसाद से दूरभाष पर संपर्क करने पर उन्होंने अभद्रता की सारी सीमाए पार कर दी, उनका वर्ताव और गुस्सा ऐसा था मानो पत्रकारों ने उनसे किडनी मांग लिया हो, उन्होंने किसी भी सवालों का जवाब नही दिया, साथ ही धमकी दी जो करना है कर लो, और बार बार फोन करने से परिणाम अच्छा नही होने की धमकी दी।
100 रुपया दो और कोयला चोरी करो का स्किम जोरों पर
कोलयरियों और कोयला चोरी रोकने की जिम्मेवारी पुलिस, सीआईएसएफ और इसीएल सिक्युरिटी की होती है, ऐसे में फ्रंट लाइन पर खड़े इसीएल सुरक्षा कर्मी और प्रबंधन आज पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, रात को पूरा तंत्र एकजुटता के साथ कोयला चोरी को बढ़ावा देते है, बताया जाता है कि रात होते ही सैकड़ो की संख्या में महिला पुरूष और बच्चें कोयला चोरी करने खदान में उतरते है, कोयला चोरी करने का पहला अवैध पास (परमिट) 100 रुपया प्रति व्यक्ति लेकर दिया जाता है, उसके बाद आप जितना टोकरी और बोरी कोयला ले जा सकतें है।
सुरक्षा कर्मियों द्वारा वसूली की गई इस रुपए की दूसरे दिन बंदरबांट की जाती है, जिसमें सब लिप्त है।