मेरी बात – शादी- ब्याह में व्हाट्सअप एक प्रयोग या संजोग, @लेखक सह पत्रकार अरुण कुमार – आज का यह टॉपिक कि शादी – ब्याह में व्हाट्सअप एक संजोग की भांति हैँ या एक प्रयोग की तरह तो वैसे सभी लोग जो की आज के इस कलयुगी रूपी समाज में रह रहे हैँ पता नहीं किया उनके दिल और दिमाग़ में चल रहा हैँ ये तो वहीँ बता सकते हैँ क्योंकि इस व्हाट्सअप भाई का आज के शादी – ब्याह के दौर में किया कहने और किया हैँ इनके नखरे यह किसी से छुपा हुआ नहीं हैँ और जब बात आ जाती हैँ शादी – ब्याह के शहनाई की तो इनके नखरे सातवे आसमान तक जा पहुँचता हैँ और लड़के वाले हो या लड़की वाले सभी इस व्हाट्सअप भाई के मकड़जाल में फंसकर एक और बेहतरीन के चक्कर में पड़कर बेहतर को भी छोड़ देते हैँ जिसका खामियाजा उन्हें जीते जी इस कलयुग में भी चुकाना पड़ जाता हैँ जो की एक कड़वी सच्चाई भी हैँ अब जब बात आ जाती हैँ कि ऐसा क्यों हो रहा हैँ तो मेरा यह मानना हैँ कि अगर आप जबतक किसी को आमने व सामने देखेंगे नहीं तो आप लड़के वाले हों या लड़की वाले आप कैसे उनके बारे में जानेगें कि उनके दिल और दिमाग़ में किया हैँ और किया सिस्टम में वे रह रहे हैँ और कैसे जी रहे हैँ जबकि यही व्हाट्सअप भाई साहब के चक्कर में पड़कर एक ढंग का रिश्ता खोजते – खोजते आप एक बेढंग सा रिश्ता जोड़ लेते हैँ जो कि एक शास्वत सत्य हैँ फेसबुकिया और व्हाट्सअप के अपने फंडे हैँ और ये किसी रिश्ते की गारंटी नहीं ले सकता हैँ वहीँ आज का यह दौर ऐसा हों चला हैँ कि कुछ लोग व्हाट्सअप के फोटो पर ही सिंदूर दान से लेकर सारे रस्म निभाने को लेकर आतुर दिख रहे हैँ जबकि इतिहास गवाह हैँ कि शादी और ब्याह कोई गुड्डे और गुड़िया का खेल नहीं हैँ और यह कोई सत्यनारायण भगवान की कथा भी नहीं हैँ फिर भी लोग इस व्हाट्सअप भाई साहब के दीवाने बन बैठे हैँ और एक अच्छा और सच्चा रिश्ता को दरकिनार कर एक नया रिश्ता व्हाट्सअप की होड़ में पुराने और मजबूत रिश्ते को छोड़ रहे हैँ जबकि आज भी वहीँ पुराने दौर शादी और ब्याह का लाना होगा जिसमें की सभी रस्मे और सभी कस्मे दोनों परिवार के लोग मिलकर एकसाथ खाते थे और वचन देते थे कि रिश्ता कैसे निभाना हैँ और वहीँ रिश्ते और रिस्तेदार आज बचे हुए हैँ अन्यथा आज का यह दौर जो चल रहा हैँ उसमें रिश्ते तो होंगे किन्तु कोई भी रिस्तेदार नहीं होगा क्योंकि व्हाट्सअप अपना रोल निभा कर चल देगा और आपसबों के पास हाथ मलने के सिवा और दूसरा कोई चारा भी नहीं बचा होगा मेरा यह सुझाव उनसभी परिवारों के लिए हैँ जो कि आज भी अभिमान स्वरूप जी रहे हैँ कि हम तो लड़के वाले हैँ हमें कोई फर्क नहीं पड़ता तो अपने अगल व बगल निकल कर पता करें सच्चाई खुद ब खुद मालूम पड़ जायेगी कि आज का समाज किया चाह रहा हैँ और किया कह रहा हैँ अब आखिर में कुंवारे लड़कों के लिए एक पंक्ति लिख रहा हूँ कि अगर आप ऐश्वर्या राय खोज रहे हैँ तो आपको भी अभिषेक बच्चन होगा तब बात बनेगी अन्यथा व्हाट्सअप वाहट्सएप्प और फेसबुक फेसबुक खेलते रहे क्योंकि समय बहुत ही बलवान हैँ और अगर एक बार समय निकल गया तो पछताने के अलावे कुछ नहीं मिलेगा,अब मर्जी हैँ आपकी और आपसबों के पास ही इस व्हाट्सअप नामक मर्ज की दवा हैँ
सबों को समर्पित,– आभार
अरुण कुमार, मंडे मॉर्निंग न्यूज़ नेटवर्क, ( भागवत ग्रुप कारपोरेशन )