मेरी बात – “सह व मौन सहमति ” आज का यह विशेष टॉपिक सह व मौन सहमति सुनने और लिखने में तो ज्यादा अच्छा लगता हैँ किन्तु इसका एक इंसान के जीवन में काफी उठा पटक को जन्म देता हैँ ऐसा मैं क्यों कह रहा हूँ ये सारी बातें आगे मेरे इस आर्टिकल में सत्य सी प्रतीत होती दिखाई देगी मुख्यतःआज के डेट में एक इंसान का दूसरे इंसान के प्रति कुंठित भाव व भावना घृणा को जन्म दे जाती हैँ और कहीं ना कहीं यहीं विकार उस इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी को भी अवतरित करता हैँ जैसा की आज के इस कलयुग का इंसान कई कई मामलों में अपने बच्चों को कुछ ज्यादा ही सह दे चुके होते हैँ जिसका परिणाम ये होता हैँ कि अनुभव की कमी की वज़ह से आज के वो बच्चे गलत अनुमान लगा लेते हैँ जिसके परिणामस्वरूप रिश्तों में खटास एवं मन की दुरी निरंतर बढ़ती चली जाती हैँ जिसमें की कुछ जगहों पर बच्चों के अभिभावकों की भी मौन सहमति होती हैँ तभी तो वे बच्चे जो कल तक चुप चाप रहते थे वे आज एकदम से हटप्रभि और हट्टधर्मी कैसे हो जाते हैँ ये बातें समझ से परे हैँ किन्तु एक बात तो यहाँ क्लियर हो जाती हैँ कि आज के अभिभावक अपनी जिम्मेदारी को सही ढंग से नहीं निभा पा रहे हैँ जिसका खामियाजा रिश्तों में दरार के रूप में उभर कर सामने आ जा रहा हैँ जो की कहीं से भी भविष्य के लिए ठीक नहीं हैँ किन्तु क्या किया जा सकता हैँ ज़ब आज के माता – पिता ही अपने बच्चों पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं जबकि कई मामलों में आज के ऐसे भी कुछ अभिभावक हैँ जो की अपने बच्चों में सभी तरह के संस्कार देना तो चाहते हैँ किन्तु वे बच्चे अपने आपको कुछ ज्यादा ही परिपूर्ण व परिपक्व समझ बैठे हैँ जिसका खामियाजा बना बनाया रिश्तों में दूरियां को जन्म देने का कार्य कर रहा हैँ जो की एक चिंतनीय व गंभीर विषय हैँ इसका आशय यह हैँ कि आज का वो अभिभावक स्वयं में विश्वास नहीं रख कर दूसरों पर ज्यादा विश्वाशी जो बन बैठे हैँ और यहीं मामला गड़बड़ हो गया हैँ अपितु आज के अभिभावक किया इतने कमजोर हो गए हैँ कि उन्हें अब निर्णय लेने के लिए अपने बच्चों को आगे करना पड़ रहा हैँ और वे स्वयं सह और अपनी मौन सहमति के तहत कार्य कर रहे हैँ जिसका गंभीर परिणाम रिश्तों में भी दिखाई पड़ रहा हैँ इसपर गहन आत्ममंथन करने की जरूरत हैँ अन्यथा ना ही रिश्ते बचेंगे और ना रिस्तेदार अब सोचने की बारी हैँ आपकी,
मेरी बात – “सह एवं मौन सहमति ” लेखक सह पत्रकार – ( अरुण कुमार )

Last updated: अगस्त 6th, 2024 by