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मेरी बात — # औरतों की सोच आज के इस कलयुग की देव वाणी # लेखक सह पत्रकार ( अरुण कुमार )

मेरी बात == “औरतों की सोच उनकी पल्लू से बंधा ” — लेखक सह पत्रकार ( अरुण कुमार )

आज की औरत के किया कहने और आज का मेरा यह टॉपिक भी औरतों को लेकर ही हैँ कि आज कि औरतें अपने आपको किसी महारानी से कम भी नहीं आंकती हैँ जबकि उनकी कथनी और करनी भी उनलोगों के सोच के विपरीत कार्य करती हैँ और यदा – कदा ही वो अपनी गलती को स्वीकार करती हैँ अन्यथा पुरुष से बड़ा दोषी उनकी नजरों में कोई और नहीं होता हैँ और तो और हम पुरुष वर्ग भी इतने कमजोर हो गए हैँ कि हमें उनकी हाँ में हाँ मिलाना ही पड़ता हैँ जबकि कई मामलों में एक महिला ही गलत रहती हैँ फिर भी एक पुरुष उसे कुछ कहने कि हिम्मत नहीं जुटा पाता हैँ किया कारण हैँ कि पुरुष अपनी मानसिकता को आज भी बदल नहीं पाया हैँ वहीँ आज की #नारी सब पर भारी वाली # कहावत कहने में मुझे जरा भी झिझक नहीं हैँ क्योंकि आज की महिलाएं अपने पति के बड़े भाइयों, माँ, बहन व पिता के बारे में अनाप सनाप बोल देती हैँ और हमसब पुरुष उनलोगो के हाँ में हाँ मिला कर अपनी मौन स्वीकृति प्रदान कर ही देते हैँ किन्तु ठीक इसके विपरीत अगर एक पुरुष अपनी धर्मपत्नी के पिता, माँ व भाइयों के प्रति कुछ कह दे तो फिर जनाब घर में भूचाल का आना लाजमी हैँ और तो और हो सकता हैँ कि आपकी धर्मपत्नी कहीं आपके मूँह को ना नोच खरोच दे ऐसा भी हो सकता हैँ तो थोड़ा संयमता से काम लें फिर कौन गलत हैँ और कौन सही ये तो अपनी – अपनी समझदारी पर निर्भर होती हैँ कि आप एक महिला को कैसे ट्रीट करते हैँ वहीँ प्रायः कई मामलों में अक्सर महिला ही गलत रहती हैँ किन्तु एक पुरुष के किया कहने वे सबके सब देव के मांगे हुए हैँ ऐसा मुझे लगता हैँ तभी तो आप और हम एक महिला को देवी का दर्जा देकर कार्य करते हैँ किन्तु वहीँ महिला इसे हमसब को कमजोरी समझकर इसके उल्ट हमी पर शासन करना चाहती हैँ यही एक महिला की गलती हैँ उन्हें भी अपनी हद की दायरो में सिमटकर कार्य करना चाहिए तब बात बनेगी क्योंकि पति और पत्नी एक साइकिल के दो पहिए की भांति हैँ जिसमें की अगर एक पहिया भी पंकचर हो जाए तो साइकिल नहीं चलेगी ठीक जिंदगी भी वैसी ही हैँ अब समझना हैँ किसको ये तो अपनी अपनी समझ हैँ चुकि मैं लेखक हूँ और समझाना मेरा धर्म और फ़र्ज हैँ बाकी आपसबों की मर्जी क्योंकि जिंदगी हैँ आपकी आप चाहें इसे जैसे जिए,

सबों को समर्पित,

Last updated: मार्च 26th, 2024 by Arun Kumar