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मेरी बात – ” आज के युवा ऑफलाइन खरीदारी से ना करे परहेज ” – लेखक सह पत्रकार ( अरुण कुमार )

मेरी बात = “ऑनलाइन खरीदारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को बिगाड़ा “- लेखक सह पत्रकार ( अरुण कुमार )

आज का यह मुद्दा काफी गंभीर हैँ और वो भी हो क्यों ना जब बात अपने ही देश भारत की आती है चुकी यहाँ की परिवर्तित हो रही अर्थव्यवस्था की अगर हम बात करे तो बात सब धरी की धरी रह जाती हैँ जैसे मुद्दा ये नहीं हैं कि कैसे और क्यों और कहाँ से भारतीय अर्थव्यवस्था गड़बड़ा रही हैँ किन्तु आज की हक्कीकत और सच्चाई यही हैँ कि आज पूरा का पूरा भारतीय बाजार घोर संकट के विकट काल में आ पड़ा हैं और जल्द ही इसके लिए कुछ नया कदम नहीं उठाया गया तो छोटे व्यापारी तो मर ही रहे हैँ फिर अगला नंबर बड़े व्यापारीयों का ही लगने वाला हैँ जो की एक कड़वी सच्चाई भी हैँ और इसके गुनहगार कोई और नहीं ये ऑनलाइन कम्पनियाँ ही हैँ जो की दीमक की तरह सभी व्यापार को खाये जा रही हैँ और अगर भारत की सरकार इसके नाक में नकेल नहीं कसती हैं तो वो दिन दूर नहीं जब व्यापारी तो रहेंगे किन्तु उनका व्यापार चौपट हो जाएगा और एक दिन जिसतरह से किसान वर्ग आत्महत्या कर रहे थे उसी तरह से व्यापारी भी आत्महत्या जैसा संगीन अपराध करने से भी नहीं हिचकेंगे जो की एक कड़वी सच्चाई जैसा प्रतीत हो रहा हैँ अब समय आ गया हैँ कि जल्द से जल्द सरकार इन कंपनियों को उनका व्यापार करने के तरीके में सुधार को लेकर एक पारा निर्धारित करें और उनको निर्देश दे कि ये गला काट प्रतिस्पर्धा भारतीय व्यापारियों से ना करें और उनको भी जीने दें अन्यथा व्यापार के साथ साथ व्यपारी भी परेशान हो रहे हैँ जो की भारत और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कहीं से भी सही नहीं हैँ आज के समय की विडंबना कहे तो एक बात तो साफ हो जाती हैँ कि आज की युवा पीढ़ी हर चीज को ऑनलाइन नजरिये के साथ ही देखती हैँ तभी इन ऑनलाइन कंपनियों का व्यापार फल फूल रहा हैँ जबकि अगर भारतीय अर्थव्यवस्था को बचाना हैँ तो ऑफलाइन पर भी ध्यान देना होगा अन्यथा आप सब स्वयं में समझदार हैँ,

सभी व्यपारी वर्ग को समर्पित,

Last updated: मार्च 1st, 2024 by Arun Kumar