रानीगंज। नारायण कुरी में एकाएक आज योजनाबद्ध तरीके से ईसीएल प्रबंधन की ओर से साइन बोर्ड लगाए जाने एवं स्थान का अधिग्रहण करने संबंधित कार्य को देखते हुए । नारायण कुरी हेरिटज के सदस्य भूतनाथ मंडल एवं अरविंद सिंघानिया ने कहाँ की इस क्षेत्र को हेरिटेज बनाने के लिए हम लोगों की लड़ाई पिछले 30 वर्षों से चल रही है। हम लोगों ने ईसीएल से भी सहयोग मांगी थी लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला।
हम लोगों ने राज्य सरकार से अपील की कि इस क्षेत्र को हेरटेज का दर्जा दी जाए और एक पर्यटक स्थल की तरह विकसित की जाए। राज्य सरकार की ओर से सहयोग मिलने लगी और सर्वप्रथम यहाँ पर राज्य सरकार के सहयोग से ठाकुर देवेंद्र नाथ का प्रतिमा का स्टैचू लगाई गई।
इस वर्ष राज्य सरकार ने इस क्षेत्र के सौंदर्यीकरण मथुरा चंडी मंदिर का विकास आदि के लिए दो करोड़ की धनराशि का सहयोग भी दी। आज इस क्षेत्र का कायाकल्प हो गई है। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से एवं ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की ओर से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं मिला। दूसरी ओर ठाकुर देवेंद्र नाथ का गेस्ट हाउस का एक अवशेष था वह भी आनन-फानन में कोयले के निकासी के दरमियान हंस कर दी गई।
मकर सक्रांति के समय यहाँ ऐतिहासिक मेले लगती है। इस क्षेत्र के संगठन हेरीटेज बनाने को लेकर मथुरा चंडी कमिटी भी मदद कर रही है। हम लोगों को संदेह है कि ईसीएल इस पूरे क्षेत्र का अधिग्रहण करके ओसीपी के माध्यम से कोयला निकालने की योजना बना रही है पहले भी भ्रमित करके गाँव वालों को इस क्षेत्र से कोयले की नी निकासी की गई। स्थानीय नारायण कुरीग्राम क्षेत्र के लोग यहाँ पिछले दिनों हुई कोयले के खनन आदि को लेकर उनके घरों में दरारें हैं परेशान आज भी है। ईसीएल की इस योजना से गाँव के लोग पैसों पर सुने हैं। फोटो क्षेत्र के लोगों के साथ।