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“राख अंत नहीं शुरूआत है”- विषय पर मेजिया थर्मल पावर की ओर से संगोष्ठी आयोजित

थर्मल प्लांट का फाइल फोटो

रानीगंज । मेजिया थर्मल पावर की ओर से राख की उपयोगिता, जन जागरूकता तथा पर्यावरण संरक्षण व संगोष्ठी राख अंत नहीं शुरूआत है पर आयोजित एक दिवसीय समारोह का उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अभियंता चंद्र शेखर त्रिपाठी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में प्रत्येक व्यक्ति, समाज ,उद्योग की भूमिका है। हम लोग अपनी ओर से प्रयास करते हैं कि इस दिशा में थर्मल पावर संस्थान की ओर से कैसे पर्यावरण संरक्षण हो ।इसके साथ-साथ जनमानस को इसका लाभ मिले।

लघु उद्योगों को राख़ मुफ्त में ही नहीं देते बल्कि पहुंचा कर देते हैं

मेजिया थर्मल पावर से निकलने वाली राख मात्र राख नहीं है इसकी उपयोगिता अनेक है । आसपास में राख से बनने वाली लघु उद्योग ,रास्ता घाट , गड्ढे भरने के लिए हम यहाँ मुफ्त में राख उपलब्ध कराते हैं . इतना ही नहीं हम लोग अपने संसाधन से उनके द्वार तक यह राख भिजवा आते हैं । इस दिशा में बहुत महत्त्वपूर्ण काम शुरू हुआ है और निरंतर काम आगे बढ़ते जा रही है।

इस मौके पर बांकुड़ा ज़िला सभाधिपति मृत्युंजय मुर्मू ने कहा कि इस संस्थान की ओर से लगातार प्रयास हो रही है राख के उपयोगिता पर इससे एक लाभ इस उद्योग में निकलने वाली राख से प्रदूषण मुक्त और दूसरी तरफ इस राख से अनेकों ईंट, घर बनाने की सामग्री आदि बना जा रही है। रास्ता निर्माण, सड़कों के निर्माण में भी इसकी उपयोगिता हो रही है . इसलिए स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि राख अंत नहीं बल्कि शुरुआत है।

वहीं दूसरी ओर डीवीसी के अभियंता डी घोष, अभियंता जी चंद अभियंता एके राय चौधरी अभियंता एम देवदास प्रमुख ने भी ऑडियो वीडियो के माध्यम से डीवीसी से निकलने वाली राख की उपयोगिता किस रूप में हो रही है कितने अनुपात में हो रहे हैं एवं पर्यावरण के क्षेत्र में इस प्रतिष्ठान की भूमिका अब तक क्या रही है इत्यदि खूबी दिखाई ।

दूसरी ओर इसमें यह प्रयास किया गया कि इसकी उपयोगिता से जहाँ एक तरफ वर्तमान में बनने वाली मिट्टी के नीचे से हो रही धरती की नुकसान पर्यावरण नियंत्रण पर विशेष ध्यान डाला गया वहीं आह्वान भी किया गया कि डीवीसी प्रतिष्ठान ऐसे लघु उद्योग जो राख पर आधारित हैं उसके लिए हम लोग मुफ्त में रख ही नहीं देंगे बल्कि उनके प्रतिष्ठान तक पहुँचा कर देंगे जिससे लोगों को रोजगार मिले और क्षेत्र का विकास हो।

Last updated: जून 7th, 2019 by Raniganj correspondent