आसनसोल रेल मण्डल ने यांत्रिक (सवारी एवं माल डिब्बा) विभाग की गिनाई उपलब्धियां
आसनसोल रेल मण्डल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति ——
वर्ष 2018 – 19 के दौरान आसनसोल मंडल के यांत्रिक (सवारी एवं माल डिब्बा) विभाग की उपलब्धियां
प्रोजेक्ट उत्कृष्ट के अन्तर्गत नवीनीकृत 12376 आसनसोल – चेन्नई एक्सप्रेस को नए रूप एवं बेहतर सुख-सुविधाओं से युक्त कर दिनांक 13.03.2019 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इसके डिब्बों में अच्छे गुणवत्ता वाले पेंट एवं लेमिनेटेड विनायल व्रैपिंग, 2ए कोच में ब्लैंकेट कवर,डिसपोसेबल तकिया के कवर,हेल्थ फेसाट,स्टील डस्टबीन, विरासत पर आधारित तस्वीरें ,रात में चमकने वाले सीट नम्बर जैसे विशेषताओं से सुसज्जित किया गया है।
आसनसोल – सियालदह इंटरसिटी एक्सप्रेस को बिना किसी अतिरिक्त लागत के इन हाउस नवीनीकृत किया गया है जो राजधानी के डिब्बों जैसी अनुभूति कराती है।
दुमका देवघर पैसेंजर तथा मधुपुर गिरीडीह पैसेंजर गाड़ियों को नवीनीकृत किया गया तथा इसमें दो जीएस डिब्बे जोड़ कर बढ़ाया गया तथा 26 जुलाई,2018 को चालू किया जिससे कि श्रावण मास में देवघर आने वाले तथा यहाँ से जाने वाले भक्तों को लाभ मिल सके।
डीआरएम,आसनसोल द्वारा लोक जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत बॉयो – टॉयलेट मोडेल को आसनसोल,जसीडीह तथा दुर्गापुर स्टेशनों पर अनावृत किया गया तथा इसका उद्घाटन किया गया। यात्रियों के बेहतर जागरूकता के लिए बॉयो – टॉयलेट के समुचित प्रयोग से संबंधित एक ऑडियो क्लीप के बारे में पीए सिस्ट्म के माध्यम से प्रचार किया गया।
वर्ष 2017 – 18 के समय 59 डिब्बों के गाड़ी को वर्ष 2018-19 के समय में 81 करके डिब्बों की संख्या में वृद्धि कर दी गई जिसके कारण आसनसोल मंडल में कोच उपार्जन में आशातीत वृद्धि हुई।
आसनसोल एवं मधुपुर में कोच मेनटेनेंस मोड्यूल (सीएमएम) को क्रियान्वयन किया गया है। आसनसोल मंडल में सभी बीपीसी को अब जारी किया जा रहा है तथा केवल सीएमएम पोर्टल के माध्यम से जारी किया जा रहा है।
बॉयो-टॉयलेटों में इन हाउस निर्मित वेन्च्यूरी किस्म के फोर्स वेन्टिलेशन सिस्टम को फिट किया गया है जिससे कि बॉयो-टॉयलेट फिटेड लेवोरेटरिज में दुर्गन्ध को कम किया जा सके। आसनसोल मंडल ने जुलाई 2018 में 501 आरओएच के मैजिक फिगर को छू लिया है। यह इस मंडल द्वारा अर्जित किया गया अब तक उच्चतम आउटर्न है। वर्ष 2018-19 के दौरान आरओएच आउटर्न 5743 तक पहुँच गया है जो वर्ष 2017-18 के दौरान 5609 था अर्थात् विगत वर्ष की तुलना में 2.4 प्रतिशत ज्यादा।
वैगनों के अनुरक्षण के लिए एचएसएमइ यार्ड.आसनसोल को हीरापुर यार्ड में खोल दिया गया है। इससे इस्को को अधिक से अधिक उपयुक्त वैगनों की आपूर्ति की जा सके और कम से कम समय में अधिक से अधिक लदाई की जा सके।
आरओएएमएस (यार्ड एप्लिकेशन) को अप यार्ड,डब्ल्यूडीडी,एम्प्टी यार्ड एवं अंडाल में डीएसइवाई में क्रियान्वित कर दिया गया है। रेक निर्माण तथा रेक गठन,रेक परीक्षण के लिए ऑन लाइन मेमो देने, वैगन डिफेंक्ट मार्किंग तथा नामांकन आदि जैसी गतिविधियों को एफएमएम के माध्यम से सम्पन्न किया जा रहा है।
कोचिंग स्टॉक के औसत इनअफेंक्टीव प्रतिशत को वर्ष 2018-19 में 4.06 प्रतिशत ला दिया गया है जो वर्ष 2017-18 के दौरान 5.4 प्रतिशत था।
फ्रेट स्टॉक के औसत इनअफेंक्टीव प्रतिशत को वर्ष 2018-19 में 1.75 प्रतिशत ला दिया गया है जो वर्ष 2017-18 के दौरान 1.75 प्रतिशत था। यह निर्धारित किये गए लक्ष्य से कम है(अधिकतम 2 प्रतिशत)
वर्ष 2017-18 में 419 रेक की तुलना में वर्ष 2018-19 में कुल 435 सीसी रेकों का निरीक्षण किया गया जो विगत वर्ष की तुलना में 3.82 प्रतिशत अधिक है। आसनसोल मंडल में वर्ष 2018-19 के दौरान कुल 40 सीसी रेकों का निर्माण किया गया जबकि वर्ष 2017-18 में 38 सीसी रेकों का ही निर्माण किया गया था।
फ्रेट स्टॉक के औसत इनअफेंक्टिव प्रतिशत जो वर्ष 2017-18 में 1.79 प्रतिशत था उसको वर्ष 2018-19 में 1.75 प्रतिशत तक कम कर दिया गया। यह निर्धारित लक्ष्य से कम है(अधिकतम 2 प्रतिशत)
वर्ष 2018-19 के दौरान आसनसोल आधारित बीओबीआरएन सीसी रेकों में इमबेडेड एम्प्टी के रूप में कुल 1.13 प्रतिशत वैगन/रेक चल रही हैं जबकि वर्ष 2017-18 के दौरान यह 1.43 प्रतिशत वैगन/रेक थी।
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