सांप्रदायिक आग में झुलस रहे आसनसोल में एक इमाम ने अभूतपूर्व मिशाल पेश करते हुए न केवल आसनसोल के दंगाइयों को शान्ति का सन्देश दिया बल्कि वे पूरे राज्य में फैले हिंसक माहौल के बीच के बहुत ही अच्छा संदेश दिया है। .बीते बुधवार को आसनसोल के रेलपार , चेलीडंगाल में भड़की हिंसा में वहां के नूरानी मस्जिद के इमाम मौलाना इमदादुल राशिदी के 16 वर्षीय पुत्र शिब्तुल्ला राशिदी की मौत हो गयी थी. गुरूवार को पुलिस ने उसका शव बरामद किया एवं उसके जनाजे में कब्रिस्तान में हजारों लोगो की भीड़ उमड़ी जो काफी गुस्से में थे और इस मौत का बदला लेने की ठान रहे थे .
परन्तु मौलाना राशिदी ने सभी को सख्त हिदायत दिया कि कोई भी उनके बेटे के मौत का बदला लेने की कोशिश न करे .उन्होंने कहा कि यदि किसी ने भी ऐसा करके की कोशिश की तो वे न केवल मस्जिद छोड़ देंगे बल्कि ये शहर भी छोड़ देंगे . उन्होंने कहा कि मैंने अपना बेटा खोया है और मैं नहीं चाहता कि कोई और पिता भी अपना बेटा खोये. उनके इस अपील के बाद से इलाके में शान्ति देखी गयी . मेयर जितेन्द्र तिवारी ने उनकी सराहना करते हुए कहा कि मौलाना साहब के अपील का बहुत असर हुआ है और इससे शान्ति बहाल करने में काफी मदद मिल रही है
बाबुल सुप्रियो ने भी की सराहना
एक ट्वीट कर बाबुल सुप्रियो ने भी मौलाना राशिद की तारीफ की है और कहा कि इन मुश्किल वक्त में उन्होने एक अपने दर्द एवं गुस्से को काबू में रखकर संवेदनशीलता बनाए रखा है और कहा कि प0 बंगाल में ध्रुवीकरण की राजनीति पर कहे गए उनके बयान मेरे कानों में गूंज रहे हैं ।
हिंसा अभी थमी नहीं है
बीते तीन दिनों से आसनसोल दंगे में झुलस रहा है . जिसमें काफी संख्या लोग घायल हुये है। मौते भी हुई है । उसी दिन भगदड़ में दो महीने की बच्ची की कुचल कर मौत हो गयी थी। काफी संख्या में लोग अपने घरों को छोड़कर शरणार्थी शिविर में रह रहे हैं। उनके घर एवं दुकान जला दिये गए हैं। आसनसोल के कुछ इलाकों से छिटपुट हिंसा की खबरें अभी भी आ रही है। इसी बीच शांति प्रयासों का सिलसिला भी जारी है और इंटरनेट सेवा को 4 अप्रैल तक बंद रखने का आदेश दिया गया है