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मथुरा चंडी मकर सक्रांति मेला का शुभारंभ

लगभग 300 वर्ष पुरानी मथुरा चंडी मकर सक्रांति मेला का शुभारंभ विधिवत पूजा अर्चना एवं सामूहिक खिचड़ी भोग के साथ हुई। रानीगंज से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर माँ मथुरा चंडी का सुप्रसिद्ध मंदिर दामोदर नदी के किनारे स्थित है। मान्यता है कि यहाँ स्नान कर पूजा-अर्चना करने वाले को गंगासागर जैसी पुण्य प्राप्ति होती है।

मेले में इस वर्ष भी एक तरफ जहाँ पारंपरिक दामोदर नदी में स्नान करते हजारों की संख्या में लोगों को देखा गया, वहीं दूसरी तरफ बाउल संगीत, बाउल गान-भजन, गीत सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह मेला 3 दिनों तक चलती है। दूर-दराज से लोग यहाँ आते हैं। इस स्थल का एक और महत्त्व है कि भारत का सर्वप्रथम कोयला खान यही है।

जिसे ठाकुर देवेंद्र नाथ ने खोली थी। इसका अवशेष देखने के लिए दूर-दराज से वैज्ञानिक व पुरातत्व विभाग के लोग आते रहे हैं। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए पिछले वर्ष इस स्थल को धरोहर के रूप में घोषित की गई। यहाँ ठाकुर देवेंद्र नाथ की प्रतिमा का अनावरण किया गया।

संयोजनकर्ताओं की ओर से सचिव भूतनाथ मंडल ने बताया इस मेले में काफी बदलाव आई है, एक समय था जब यह मेला ग्रामीण मेला के रूप में ही जाना जाता था, लेकिन आज वह बात नहीं है, समय के अनुकूल इस मेले में लोग आनंद उठाते हैं, माँ दुर्गा अर्थात मथुरा का पूजा अर्चना करते हैं।

Last updated: जनवरी 15th, 2019 by Raniganj correspondent