कल्याणेश्वरी: पश्चिम बंगाल और झारखण्ड की सीमा क्षेत्र में अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए दूसरी राज्य में प्रवेश करना आपको महंगा पड़ सकता है . यू तो आप अपने ही देश में है किन्तु आपकी यह आवागमन आपको भारत पाकिस्तान की सीमा में घुसपेठ करने जैसी अनुभूति प्रतीत कराएगी| मसलन यदि आप झारखण्ड के चिरकुंडा, निरसा आदि थाना क्षेत्र के है तो जरा संभलकर कल्याणेश्वरी, बराकर तथा डूबूडीह आदि क्षेत्रो में प्रवेश करें अन्यथा आपको भारी जुर्माना समेत, आपकी वाहन भी जब्त हो सकती है| बोर्डर क्षेत्र में तैनात सी पी भी ऍफ़ के जवान झारखण्ड नंबर वाहन देखते ही झपट पड़ेंगे, और कागजात की जाँच के नाम पर फजीहत तो आम बात है|
विधायक अरूप चटर्जी कई बार रियायत की अपील कर चुके हैं, पर सब बेअसर
उपरोक्त जाँच से लेकर निरशा विधायक अरूप चटर्जी ने बंगाल के प्रसासनिक अधिकारीयों को दर्जनों बार अवगत कराते हुए सीमा क्षेत्र के लोगों को रियायत देने की सिफारिश कर चुके है पर सब बेअसर है. बंगाल पुलिस के इस सख्त रूख को देखते हुए अब झारखण्ड पुलिस भी बंगाल की वाहनों को कसाई की निगाह से देख रहे है.
बराकर तथा चिरकुंडा व्यवसायी वर्ग में रोष
सीमा क्षेत्र में अपराध नियंत्रण को बनी झारखण्ड बंगाल पुलिस समन्वय समिति में अब रंजिश की दरार पड़ती नज़र आ रही है | पूरे प्रकरण में आम जनता को परेशानियों के सिवा और कुछ हासिल नहीं हो रहा है| यहाँ तक की चिरकुंडा के लोग बराकर और बराकर के लोग चिरकुंडा जाने से कतराने लगे है. महज एक नदी के छोर पर बसे दो राज्य आज लोगों को भारत पाकिस्तान सीमा की अनुभूति दिलाती है. मामले को लेकर बराकर तथा चिरकुंडा व्यवसायी वर्ग में रोष व्याप्त है| जानकारों की माने तो इन क्षेत्रो में एक दुसरे राज्य की सहयोग से करोड़ों की कारोबार होती है. किन्तु जाँच के नाम पे आम जनता को हो रही परेशानी के कारण व्यवसाय में भारी नुकसान हो रही है|
बराकर पूल से लेकर डूबूडीह चेक पोस्ट पर पुलिसिया तानाशाही
सीमा क्षेत्र में रात के वक़्त झारखण्ड नम्बर वाहन देखते ही पुलिस की भाषा बदल जाती है. अमूमन रात के वक़्त घर लौटने वाले पर लच्छीपुर(दिशा) की तोहमत लगाकर मोटी वसूली की जाती है| जिसमे पुलिस से जादा सी पी भी ऍफ़ की आचरण से लोग परेशान है. क्षेत्र में ट्राफिक व्यवस्था संभालने वाले सी पी भी ऍफ़ वाहन की कागजात भी जाँच करने से नहीं चुकते|