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हिंसक घटनाओं पर नियंत्रण के लिए मंत्री, मेयर व पुलिस कमिश्नर ने किया मंथन

रानीगंज थाना में बैठक करते मंत्री, मेयर और पुलिस आयुक्त

हिंसक घटनाओं में वृद्धि

आसनसोल -पिछले कुछ दिनों से रामनवमी में निकले जुलूस व रैलियों के दौरान पश्चिम बंगाल के कई स्थानों पर हिंसक झडपे हो चुकी है और अभी भी कई जगहों से झड़प होने की सूचना मिल रही है. मंगलवार को आसनसोल में रामनवमी को लेकर विश्व हिन्दू परिषद् व कई हिन्दू संगठनों द्वारा जुलूस निकाला गया. सूचना के अनुसार आसनसोल एडीडीए क्षेत्र में पुलिस और जुलूस आयोजनकर्ताओ के बीच विवाद हो गया. जी हिंसक हो गई. इस दौरान खबर मिली है कि जुलूस में शामिल लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया और पुलिस वाहन में आगजनी की गई. मालूम हो की इससे पूर्व सोमवार को रानीगंज में भी विहीप द्वारा जुलूस निकाला गया था. जहाँ राजाबंध क्षेत्र में जुलूस अयोजन्कर्ताओ और मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच विवाद हो गया और दोनों ओर से पत्थरबाजी होने लगी. इस दौरान बीच-बचाव को पहुँची पुलिस पर भी उपद्रवियों द्वारा हमला किया गया. जिसमें कई पुलिस कर्मियों समेत आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के पुलिस उपायुक्त अरिंदम दत्ता चौधरी बुरी तरह से घायल हो गए. स्थिति को नियंत्रित करने पहुँचे आसनसोल नगरनिगम के मेयर जितेन्द्र तिवारी पर भी उपद्रवियो ने हमला किया था.

आज फिर हुई पत्थरबाजी

इस घटना को केंद्र कर आज मंगलवार को रानीगंज के लायकबाँध और गिरजा पाड़ा में उपद्रवियों ने पत्थर बाजी की. हालाँकि पुलिस द्वारा धरा 144 लगाए जाने के कारण आज मामला गंभीर स्थिति में नहीं पहुँचा।

शाम को फिर से बमबाजी की खबरें आने लगी

दिन भर पूरा माहौल शांत रहने के बाद शाम को रानीगंज के उसी इलाके से बमबाजी की खबरें आने लगी । समाचार लिखे जाने तक विस्तृत जानकारी नहीं मिल पायी

मंत्री ने की बैठक

इन घटना को लेकर आज रानीगंज थाना में राज्य के श्रम सह कानून मंत्री मलय घटक, मेयर जितेन्द्र तिवारी, पुलिस आयुक्त लक्ष्मी नारायण मीणा, एमआईसी मीर हाशिम आदि ने बैठक की. जहाँ बीती हिंसक घटनाओ पर विस्तार से चर्चा कि गई. मंत्री मलय घटक ने पुलिस को सख्त हिदायत दी की किसी भी हाल में शहर का कानून-व्यवस्था बिगड़ना नहीं चाहिए और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ कर स्थिति को सामान्य करे.

निष्पक्ष जाँच हो

गौरतलब है कि आखिर इन हिंसक घटनाओं के पीछे का कारण क्या है, क्यों लोग हिंसक हो रहे है या फिर इन धार्मिक अनुष्ठानो की आड़ में कोई अपनी रोटियाँ सेक रहा है. यहाँ आवश्यकता है कि पुलिस निष्पक्ष तरीके से मामलों की छानबीन करे और दोषि चाहे जो भी उनपर सख्त कार्यवाही करे. ऐसे धार्मिक जुलूसो पर पावंदी लगाए. क्योंकि धर्म के नाम आसानी से लोगों को बरगलाया जा सकता है और अशांति फैलाई जाती है.

क्यों हुआ डीजे और अस्त्र का प्रयोग

प्रत्येक धार्मिक त्योहारों के पूर्व पुलिस, राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा शांति बैठक की जाती है और इस रामनवमी को लेकर भी सभी थाना स्तर पर बैठक की गई थी. जहाँ सभी अखाड़ा व जुलूस आयोजनकर्ताओं को सख्त हिदायत दी गयी थी, की इन आयोजनों के दौरान डीजे और अस्त्र का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन इन आयोजनों के दौरान पुलिस की हदायत को दरकिनार करते हुए आयोजंकर्ताओं ने जमकर डीजे और अस्त्र का प्रयोग किया । आखिर क्या कारण है कि पुलिस  द्वारा मना किये जाने के बावजूद डीजे और अस्त्र का प्रयोग किया गया और भड़काऊ गाने बजाये गए. क्या आयोजंकर्ताओं  का मकसद ही विवाद को बढ़ावा देना था  ?  यह बड़ा सवाल है और इस पर राज्य सरकार एवं स्थानीय जिला व पुलिस प्रशासन को बारीकी से ध्यान देने और कार्यवाही  करने की आवश्यकता है, नहीं तो पूरा शिल्पांचल यूँ ही जलता रहेगा और कानून-व्यवस्था ताख पर रहेगी.

परीक्षार्थियों  को हुई भारी परेशानी

आज से उच्च माध्यमिक की परीक्षा शुरू हुयी। रानीगंज में कुछ परीक्षा केन्द्रों के पास से भी पथराव की खबरें आई। बसें बंद होने के कारण परीक्षार्थियों को भी परीक्षा केंद्र पहुँचने में काफी असुविधा हुयी।

Last updated: मार्च 27th, 2018 by News Desk