चार माह तक मांगलिक कार्य बंद रहने के बाद अब फिर शुरू होगा । कर्मकांडी पंडित संतोष पांडेय कहते है कि भारतीय हिन्दू शास्त्र के अनुसार आषाढ़ शुक्लपक्ष एकादशी को श्रीहरि भगवान विष्णु शयनकक्ष में जाते है ।
उसी दिन से सारे मांगलिक कार्य शादी विवाह आदि बंद हो जाते है । कार्तिक माह के शुक्लपक्ष को जो एकादशी आता है उसे देवउठनी और देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है जो 8 नवंबर को है आज देवउठनी एकादशी मनाने के साथ भक्तों ने तुलसी विवाह भी मनाया ।
इस अवसर पर तुलसी पौधा विधिविधान से विवाह की रस्म को पूरा किया गया और 12 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का स्नान होगा उसके बाद से मांगलिक कार्य का लग्न शुरू हो जायेगा ।
19 नवंबर से शादी का लग्न शुरू हो जायेगा जो 12 दिसंबर तक चलेगा फिर 16 दिसंबर से खरमास महीना शुरू हो जाने से एक माह तक सभी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे फिर 17 जनवरी से मांगलिक कार्य का शुभ लग्न शुरू होकर 28 जून तक मांगलिक कार्य होंगे ।