आसनसोल -शहर को अपने कार्यों से गौर्वंतित करने वाले व्यक्ति आचार्य संतोष पांडे की व्यक्तित्व ने कई लोगों को सम्मान के साथ जीना सिखाया है. व्यवहार में सरलता और शब्दों में मधुरता ही उनकी पहचान है. उनके कार्यशैली को देखते हुए ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था मानवाधिकार प्रोटेक्शन ने कल्याणेश्वरी निवासी आचार्य संतोष कुमार पांडे को सिर्फ पश्चिम बंगाल का अध्यक्ष ही नहीं बनाया, बल्कि बिहार जैसे वृहद और गौरवशाली इतिहास एवं कई विरासत समेटे हुए राज्य का प्रभार भी सौंपा है.
ज्ञात हो कि आचार्य संतोष पांडे स्वयं दिव्याङ्ग है और उनका बचपना भी काफी आर्थिक तंगी और परेशानी में गुजरा है. परिवार व बाहरी एवं दोस्त-यार के माजक का पात्र बनना भी उनके लिए रोज का विषय था. लेकिन उन्होंने अपने आत्मविश्वास को मरने नहीं दिया और आज खुद तो ऊँचे मकाम पर पहुँचे, साथ ही साथ कई जरूरतमंदो का सहारा भी बने. आचार्य एसके पांडेय जी कहते है, कि जो उनपर बीती है वो किसी और पर ना गुजरे, बस इसी बात का मैं हमेशा ध्यान रखते हूँ और प्रयास करता हूँ कि जैसे मैंने अपने आत्मविश्वास को खोने नहीं दिया था,
वैसे ही लोग बने और समाज के साथ ही देश को उन्नत करे. उन्होंने कहा कि समाज सेवा का मतलब मानव सेवा से है, लेकिन वर्तमान में कुछ स्वार्थी किस्म के लोगों ने इसका मतलब ही बदल दिया है. जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए, नर में ही नारायण बसते है और इन्शान में ही अल्लाह रहते है, इसलिए मैं सदा मानव सेवा को ही श्रेष्ठ मानता हूँ और आगे भी मेरी यही अभिलाषा रहेगी.