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राजनीतिक सभा में तब्दील हो गया गैर राजनीतिक खास-काजोड़ा को-ओपरेटिव चुनाव प्रचार

केकेएससी के अध्यक्ष मंत्री मलय घटक एवं महा सचिव हरेराम सिंह । साथ में हैं रूपेश यादव

खास-काजोड़ा कोलियरी को-आॅपरेटिव चुनाव अब पूरी तरह से राजनीतिक रंग में रंग गया है। आज खास काजोड़ा एजेंट कार्यालय के सामने तृणमूल की सभा आयोजित की गयी। यूं तो सभा “खास-काजोड़ा कोलियरी को-आॅपरेटिव चुनाव” में आईएनटीटीयूसी के प्रत्याशियों के प्रचार के लिए बुलाई गयी थी लेकिन यह सभा पूरी तरह से राजनीतिक रंग में रंग गयी।

मंत्री मलय घटक ने मंच पर से भाजपा और बाबुल सुप्रियो पर जमकर हमला बोला

अपने करीब बीस मिनट के सम्बोधन में मलय घटक करीब 15 मिनट तक भाजपा पर ही हमले करते रहे और मात्र 5 मिनट ही वे उस मुद्दे पर बोले जिसके लिए यह सभा आयोजित की गयी थी। उन्होंने कहा कि बाबुल सुप्रियो अपने विभाग के उद्योगों को नहीं बचा सके। उन्होंने, हिंदुस्तान केबल्स और बर्न स्टैण्डर्ड का हवाला देते हुये कहा कि बाबुल सुप्रियो जब अपने विभाग और अपने क्षेत्र के उद्योग को नहीं बचा सके तो वे देश के लिए क्या काम करेंगे

उन्होंने भाजपा को सालाना दो करोड़ रोजगार और 15 लाख रुपया भी याद दिलाया और कहा कि मोदी जी ने आसनसोल में आकर कहा था कि वे साल में दो करोड़ लोगों को रोजगार देंगे । सभी के अकाउंट में 15 लाख रुपया आ जाएगा । लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

वाम मोर्चा की याद दिलाई

उन्होने वाम मोर्चा की याद दिलाते हुये कहा कि एक समय था जब कोलियरी में आए दिन बम और गोली चलते रहते थे लेकिन अब पूरे कोयलाञ्चल में शांति है

ममता बनर्जी बनेगी बंगाल की दूसरी रूपकार

उन्होने कहा कि पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धार्थ शंकर राय को बंगाल का “रूपकार” कहा जाता है । उनके परिकल्पना के आधार पर ही आज बंगाल इस मुकाम पर पहुँच पाया है। उन्होने कहा कि सिद्धार्थ शंकर राय जो काम अपने कार्यकाल के 14 वर्ष में  कर पाये थे उससे अधिक काम ममता बनर्जी अगले 7 वर्षों में करेगी और वह बंगाल कि दूसरी रूपकार कहलाएगी।

ममता बनर्जी बनेगी देश की अगली प्रधानमंत्री

उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में तृणमूल बंगाल के 42 में से 42 सीट जीतेगी और देश कि अगली प्रधानमंत्री बनेगी

एचएमएस पर लगाया अवसरवादिता का आरोप

उन्होंने एचएमएस पर अवसरवादिता का आरोप लगाते हुये कहा कि एचएमएस सत्ताधारी पार्टी के साथ मिलकर केवल अपना फायदा करती है । उसे मजदूरों से कुछ भी लेना देना नहीं है। मजदूर के लिए राज्य में और देश में केवल मात्र एक ही पार्टी तृणमूल कांग्रेस हैं जिसके सांसद संसद भवन में मजदूरों के लिए आवाज उठाते हैं।

तृणमूल में रहना है तो आईएनटीटीयूसी का ही झण्डा पकड़ना होगा

पूरे आयोजन में लगभग सभी वक्ताओं ने तृणमूल के जिला परिषद सदस्य एवं एचएमएस नेता विशुनदेव नोनिया की ओर इशारा करते हुये कहा कि  यदि तृणमूल में रहना है तो केकेएससी (आईएनटीटीयूसी) का ही झण्डा पकड़ना होगा। अंडाल पंचायत समिति के सभापति कालुबरन मण्डल ने कहा कि यदि केकेएससी का झण्डा नहीं पकड़ सकते हैं तो बाहर का रास्ता खुला है।विशुनदेव नोनिया और उनके प्रार्थियों की ओर इशारा करते हुये कहा कि आप यदि खुद को तृणमूल कहते हैं तो फिर केकेएससी समर्थित उम्मीदवार को कलश छाप में वोट देकर विजयी बनाएँ ।

केकेएससी के महासचिव हरेरम राम सिंह ने कहा कि यदि तृणमूल पार्टी में रहना है तो केकेएससी का ही झण्डा थामना होगा । उन्होंने कहा कि उनके पास श्रमिक को-ओपरेटिव में भ्रष्टाचार की शिकायतें लेकर आते हैं लेकिन वे सुनकर चुप रह जाते हैं क्योंकि बोर्ड में उनका कोई प्रतिनिधि नहीं है। उन्होने सभी सभी श्रमिकों से आह्वान करते हुये कहा कि वे कलश छाप में वोट देकर केकेएससी के प्रार्थी को जिताएं ताकि को-ओपरेटिव में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाया जा सके।

मलय घटक खुद केकेएससी के अध्यक्ष हैं

उन्होने कहा कि जब वर्ष 1998 में तृणमूल कॉंग्रेस का गठन हुआ था उसके कुछ दिनों के बाद ही कोयलाञ्चल में कोयला खदान श्रमिक कॉंग्रेस (केकेएससी) का गठन हुआ था जिसमें वे खुद अध्यक्ष और हरेरम सिंह महा सचिव बनाए गए थे। तब से लेकर अब तक केकेएससी ने काफी लंबा सफर तय किया है और आज पूरे कोयलाञ्चल में केकेएससी के तीस हजार सदस्य हैं । उन्होने हरे राम सिंह से इस संख्या को और भी बढ़ाने के लिए कहा।

एक समय था जब विशुनदेव नोनिया के लिए केकेएससी  का दरवाजा बंद था

खास काजोड़ा की राजनीति पर नजर रखने वाले सभी लोगों को पता है कि किन परिस्थितियों में विशुनदेव नोनिया ने तृणमूल पार्टी जॉइन किया। स्थानीय तृणमूल नेताओं ने विशुन देव नोनिया को तृणमूल में शामिल करने को लेकर पुरजोर विरोध किया था। इसके लिये बना हुआ पंडाल खोल दिया गया था। लेकिन राजनीति में चतुर विशुनदेव नोनिया ने आसनसोल में मेयर जितेंद्र तिवारी एवं मंत्री अरूप विश्वास के हाथों तृणमूल का झण्डा थाम लिया।

जब विशुनदेव नोनिया तृणमूल में शामिल हुये तो फिर वे उसके मजदूर संगठन केकेएससी में भी शामिल होना चाहते थे लेकिन उस वक्त भी स्थानीय नेताओं ने सभा करके कहा कि विशुनदेव नोनिया को केकेएससी में शामिल नहीं किया जाएगा। उनके लिए केकेएससी के दरवाजे बंद हैं। लेकिन राजनीति के माहिर खिलाड़ी विशुनदेव नोनिया ने एकबार फिर सभीको पटखनी देते हुये एचएमएस का झण्डा थाम कर सभी को चकित कर दिया। काजोड़ा की राजनीति में विशुनदेव नोनिया का दबदबा बढ़ता ही चला गया और उन्होंने तृणमूल के सभी पुराने दिग्गजों को पछाड़ कर जिला परिषद का टिकट भी ले लिया। और आज उनके राजनीतिक कद का ही कमाल है कि जो लोग कल तक विशुनदेव नोनिया के लिए केकेएससी का दरवाजा बंद किए हुये थे वे मंच से बार-बार उन्हें केकेएससी में शामिल होने के कह रहे हैं।

को ऑपरेटिव में भ्रष्टाचार को लेकर कुछ दिनों पूर्व बीएमएस के अध्य्क्ष जीत मुहम्मद ने भी विष्णुदेव नोनिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

कार्यक्रम में पूर्व जिला परिषद सदस्य रूपेश यादव, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष कंचन मित्रा सहित काफी संख्या में तृणमूल नेता एवं कर्मी उपस्थित थे

मलय घटक के वक्तव्य के कुछ अंश

Last updated: जुलाई 28th, 2018 by Pankaj Chandravancee