कल्याणेश्वरी/मैथन|(गुलज़ार खान) प्राकृतिक की गोद में बसा मैथन डैम, पश्चिम बंगाल और झारखण्ड राज्य की सीमा पर स्थित पहाड़ियों वाला झील मैथन डैम, सैलानियों के लिए एकबार फिर से सजधज कर तैयार हो रही है,
इन दिनों डैम की काया परवान पर है, डैम का नीला पानी और हरयाली बिखेरती खुबसूरत पहाड़िया और पहाड़ियों से होकर सूर्यास्त सचमुच पश्चिम बर्दवान और धनबाद जिला का गौरव है,
छोटा कश्मीर के नाम से ख्याति प्राप्त मैथन डैम एकबार फिर से क्रिसमस और नववर्ष आगमन को लेकर सैलानियों के लिए सजधज कर तैयार हो रही है,
मैथन जलाशय से अठखेलियाँ करने वाली नावों को नाविकों दवरा रंगरोगन के साथ दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है,
डैम की पगडंडीयों पर रंबिरंगे दुकानों से सजने लगी है, कोरोना संकट के बाद भुखमरी झेल चुके नाविकों की ललाट पर प्रसन्नता की आभा साफ प्रकट हो रही है,
जिसके लिए नाविक दिन रात अपनी नावों की मरम्मत और रंगरोगन में लग चुके है|
हलाकि नवंबर माह से ही सैलानोयों की एक दो यात्री बस पहुचने लगी है|
जिसमे मुख्यरूप से कोलकाता,बीरभूम, मुर्शिदाबाद, बाकुड़ा,बर्दवान समेत पड़ोसी राज्य से सैलानियों का आगमन होता है|
नाविकों ने कहा कोविड में हमलोगों ने विकराल रूप देखा है, दुःख झेला है, जब सैलानियों को जबरन प्रशासन द्वारा वापस लौटा दिया गया था,
अब सब ठीक है, हलाकि मैथन डैम पर्यटन क्षेत्र में पेयजल की भारी किल्लत है, देन्दुआ पंचायत एवं सालानपुर ब्लाक द्वारा दो चार चापाकल लगाया गया है, किन्तु उसका पानी पिने योग्य नहीं है|
इतना ही नहीं मैथन डैम थर्ड डाईक पिकनिक स्पॉट तक जाने के लिए समुचित लाइट की भी व्यवस्था नहीं है, साथ ही पास ही स्थित सालानपुर ब्लाक द्वारा निर्मित चिल्ड्रेन पार्क जंगल से भर चूका है
जिसकी की स्थिति काफी ख़राब है, इस और ब्लाक एवं पंचायत प्रशासन को ध्यान देने की आवस्यकता है