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मैथन डैम में कंकाल मिलने से हड़कंप

skeleron in maithan

FILE-PHOTO

सालानपुर : मैथन की खुबसूरत वादियों में  मानव नर कंकाल (खोपड़ी) मिलने से इलाके में दहशत फैल गई.

घटना बीते बुधवार 5 जुलाई की है.

पुलिस कंकाल को जप्त कर जांच में जुट गई है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार लेफ्ट बैंक से मैथन डैम को जाने वाली मार्ग जंगल रोड स्थित होटल मैथन के पीछे जंगल में मानव नर कंकाल होने की सुचना मिली .

पुलिस ने जब्त किया कंकाल

सूचना पाकर होटल संचालक व स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना कल्याणेश्वरी पुलिस को दी.

सुचना मिलते ही कल्याणेश्वरी पुलिस मोके पर पहुच कर उक्त खोपड़ी को जप्त कर आसनसोल जिला अस्पताल भेज जाँच के लिए भेज दिया.

जहा उक्त कंकाल को डीएनए परिक्षण के लिए सुरक्षित रख दिया गया है.

 

तीन-चार महीना पुराना हो सकता है कंकाल

पुलिस सूत्रों के अनुसार उक्त खोपड़ी को तीन- चार माह पुरानी बताई जा रही है.

साथ ही किसी जानवर द्वारा उक्त खोपड़ी को वहाँ लाये जाने की बात भी सामने आ रही है.

अफवाहों का बाजार गर्म है

इस पूरे प्रकरण में पुलिस प्रशासन चुप्पी साधे हुए है.

इधर स्थानीय लोगों में घटना को लेकर कई तरह की कयास लगायी जा रहे हैं .

स्थानीय लोगों  कंकाल को आस पास का ही होने की आशंका जाता रहे है.

कितु आश्चर्य की बात यह है कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी किसी को भनक तक नहीं लगी.

हत्या कर लाश छुपा दिये जाने की आशंका

कुछ लोगों का मानना है कि मैथन में अक्सर प्रेमी जोड़े घुमने आते हैं.

हो न हो किसी ने हत्या करके शव को जंगल में फेक दिया हो या दफना दिया हो.

बाद में किसी जंगली जानवर द्वारा सिर्फ खोपड़ी को बाहर निकाल दिया गया हो.

बहरहाल पुलिस पुरे प्रकरण में सस्पेंस बरकरार रखकर जाँच कर रही है.

पर्यटन केंद्र है मैथन

मैथन पर्यटन केंद्र के नाम से विख्यात होने के कारण यहाँ प्रतिदिन सैकड़ों सैलानी भ्रमण करने आते हैं।

ऐसे में यहाँ से नर कंकाल की बरामदगी जंगल में आग की तरह फैल चुकी है.

जितनी मुँह उतनी ही बात घटना को और भी दहशत नुमा बना रही है.

पास में  ही मैथन होटल है

क्यों कि जहां से कंकाल की बरामदगी हुई है वहां से महज चंद कदमों की दूरी पर होटल मैथन है.

साथ ही उसके पीछे घनी जंगल है.

होटल मैथन में  प्रतिदिन दर्जनों लोगों का आवागमन होता है .

पुलिस निष्क्रियता पर भी उठ रहे हैं सवाल

यदि कंकाल दो माह पुरानी है तो अब तक किसी को भनक नहीं लगना कई सवाल उत्पन्न कर रही है.

साथ ही प्रशासनिक सक्रियता की पोल खोल रही है .

Last updated: सितम्बर 1st, 2017 by Pankaj Chandravancee