मधुपुर -झारखंड राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ अपने विस्तारित 7 सूत्री मांगों को लेकर शनिवार को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकेतर कर्मचारी ने विरोध स्वरूप काला बिल्ला लगाकर कार्य किया ।
7 सूत्री मांगों में उनकी मांग है कि :-
- पंचम एवं छठे पुनरीक्षित वेतनमान में वेतन निर्धारण से वंचित कार्यरत/ सेवानिवृत्त कर्मियों का वेतन निर्धारण कराया जाए ।सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में शिक्षकेतर कर्मियों को एसीपी एवं एम ए सी पी का लाभ प्रदान किया जाए ।
- पूर्ववर्ती बिहार राज्य की तरह झारखंड राज्य के शिक्षकेतर कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 62 वर्ष किया जाए ।
- सप्तम वेतनमान जनवरी 2016 के प्रभाव से लागू हो। 1996 से 2000 तक के पंचम वेतनमान बकाया राशि का भुगतान कराया जाए।
- 2004 के बाद नियुक्त शिक्षकेतर कर्मियों को पेंशन का लाभ दिया जाए। झारखंड राज्य सरकार के संकल्प संख्या 396 में संशोधन करते हुए बिहार राज्य के अनुसार सभी विश्वविद्यालयों के अंगीभूत महाविद्यालयों में भी तृतीय वर्ग के उच्च वर्गीय एवं निम्न वर्गीय सहायकों /लिपिकों के स्वीकृत पदों के वेतनमानों का एकीकृत वेतनमान दिया जाए।
अगर यह मांगे पूरी नहीं होती है तो आगामी 27 नवंबर को सामूहिक अवकाश में रहते हुए विश्वविद्यालय मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया जाएगा । उसके बाद भी 5 दिसंबर और 6 दिसंबर को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकेतर कर्मचारी सामूहिक अवकाश में रहते हुए राज भवन रांची के समक्ष धरना प्रदर्शन करेंगे ।
अगर तब भी मांगे नहीं मानी गई तो बाध्य होकर इस कार्यक्रम के 1 सप्ताह बाद सैकड़ों कर्मचारी राजभवन के समक्ष आमरण अनशन पर बैठ जाएँगे । जिसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार पर होगी ।इस अवसर पर मधुपुर महाविद्यालय शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अवधेश नंदन सिंह, सचिव गोपाल चंद्र राय, दिगंबर प्रसाद सिंह ,आशुतोष लाला, बच्चू प्रसाद राय ,राम प्रसाद जयसवाल ,सिकंदर यादव, टि्पणी देवी आदि मौजूद थे।