साहिबगंज। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा नदी के किनारे स्थित पाँच राज्यों के सभी गाँवों को आदर्श गंगा ग्राम के रूप में विकसित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु ग्रामीण स्वच्छता की वृहद योजना का निर्माण किया गया है। वैसे तो गंगा किनारे बसे पाँच राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल में स्थित 1657 ग्राम पंचायतों के 5216 गाँवों को चिन्हित किया गया है। सभी पाँच राज्यों के प्रत्येक जिले में ग्राम पंचायतों द्वारा गंगा ग्राम के रूप में विकसित किए जाने वाले गाँव चयनित किए गए हैै।
बात करें झारखंड राज्य की तो यहाँ मात्र साहिबगंज जिला में राजमहल की पहाड़ियों के तट को छूकर गंगा नदी गुजरती हैं। फलतः योजना के तहत प्रथम चरण में पाँच गाँव का चयन किया गया है। जिसमें सकरीगली के रामपुर इंग्लिश गाँव, तालझारी के कल्याणी, राजमहल के रसलपुर, कन्हैयास्थान, उधवा के सरगाँव, बरहड़वा के बरारी, गणेशपुर गाँव को आदर्श गंगा ग्राम के रूप में चयनित किया गया है। आदर्श गंगा ग्राम के उद्देश्यों को पूर्ण करने के लिए गंगा ग्राम को खुले में शौच से शत-प्रतिशत मुक्त एवं व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के निर्माण द्वारा सामुदायिक स्वच्छता सुनिश्चित करना होगा।
साहिबगंज में गंगा घाट पर फैली गंदगी
इस मौके पर भूवैज्ञानिक, पर्यावरणविद सह जिला गंगा समिति के अध्यक्ष डॉ.रणजीत कुमार सिंह ने बताया कि हमें एक टीम की तरह कार्य कर साहिबगंज जिले को गंगा नगरी के रूप में स्थापित करना होगा। जिले के 33 पंचायत और 78 गाँव में कुल 83 किलोमीटर गंगा के तट पर बसे लोगों की यह जिम्मेवारी है कि वह गंगा के संरक्षण, संवर्धन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं। गंगा को प्रदूषण मुक्त व सौंदर्यीकरण जनभागीदारी से ही संभव होगा।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पानी को प्रदूषण मुक्त बनााने के लिए केंंद्र सरकार द्वारा चयनित स्थलों पर वाटर पॉल्युशन मशीन लगाया जा रहा है। फेरीघाट सहित अन्य स्थानों में वाटर पॉल्यूशन मशीन लगाने का कार्य प्रारंभ है, जिसे जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा।