माँ दुर्गा की धूम,महालया के साथ ही नवरात्रा शुरू, महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा के धरती पर उतरने की कहानी, जबकि बंगाली समुदाय के लोगों के लिए मां दुर्गा बेटी के समान,
धनबाद ,कलश स्थापना से पूर्व महालया व अश्विन मास का अंतिम दिन, अश्विज अमावस्या के दिन, मां दुर्गा का आव्हान किया जाता है अर्थात मां को अपने घर बुलाने के लिए गुहार लगाई जाती है, मान्यता के अनुसार आज देवी का आगमन कैलाश पर्वत से पूर्ण शक्तियों के साथ होता है, ऐसा माना जाता है कि अश्विन अमावस्या के सुबह पितृ को नमन कर आशीर्वाद लेते है और संध्या बेला में मैया धरती पर पूरे नौ दिनों तक के लिए वे अपने बच्चों को आशीर्वचन देने आती है माँ दुर्गोतस्व के इसी महालया के शुभ अवसर पर, धनबाद जिले में आज मां दुर्गा का आह्वान किया गया वहीँ , जिले भर के सभी मंदिर में महिषासुर मार्दिनी के श्रोत से गुंजामयन हुआ, ज्ञात हो कि धनबाद जिला पश्चिम बंगाल से नजदीक होने के कारण से यहां बंगला संस्कृति व परंपराओं से भी दुर्गौत्सव मनाया जाता है, यही कारण है कि यहां महालया में भी धूम मची होती है जबकि माँ महाल्या पर मूर्तिकारों ने परम्परा के अनुसार माँ की प्रतिमा में नेत्र का निर्माण किया बंगाली समुदाय इसे चक्षुदान भी कहते है वहीँ सोमवार से शारदीय नवरात्र पर घरों और पंडालों में कलश स्थापित कर माँ दुर्गा की पूजा शुरू हो जाएगी अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना को उत्तम माना गया है वहीँ माँ का यह नौ दिनों का आगमन सभी भक्तों के मन में एक नए प्रकार की ऊर्जा को जन्म देता है वहीँ माता दुर्गा इस बार हाथी पर आएगी और नौका से जाएगी, जय माँ दुर्गा,