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नवजात शिशु और माँ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है यह जानकारी

सेविका और सहायिका बच्चों के लिए माँ तुल्य

सालानपुर -गुरुवार को बॉसकटिया सामुदायिक भवन में आईसीडीइस सालानपुर मुख्यालय की ओर से एक दिवसीय मातृ दूध दिवस के तहत कार्यशाला आयोजित हुई. कार्यशाला का उद्घाटन बाराबनी के विधायक विधान उपाध्याय ने किया. इस दौरान विधायक श्री उपाध्याय ने कहा आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका बच्चों के लिए माँ तुल्य होती है, छोटे-छोटे बच्चों ध्यानपूर्वक शिक्षा देना बड़ा ही धैर्य का काम है. मौके पर बॉसकटिया, धनुडीह, सिधाबाड़ी, समेत आस-पास इलाके की सैकड़ों गर्भवती व प्रसूति महिलायेंँ उपस्थित थी. डीपीओ परिमल दास ने कहा समाज को सचेतना से ही बदला जा सकता है, इसलिए प्रत्येक माँ द्वारा अपने बच्चों को स्तनपान अवश्य कराना चाहिए, क्योंकि माँ का दूध नवजात के लिए अमृत सामान है, इसके अलावा माँ को भी पोष्टिक आहार लेने की आवश्यकता है.

माँ का दूध बच्चों के लिए अमृत है

कार्यशाला में सालानपुर सीडीपीओ मोनोदीपा मांझी ने माँ के दूध के फायदे एवं उसमें उपलब्ध पोष्टिक तत्व व विटामिन की विस्तृत जानकारी दी गई. महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि माँ का दूध बच्चों के लिए अमृत है. जिससे बच्चे का सम्पूर्ण विकास के साथ ही रोग-प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है. माँ का दूध विटामिन ए का सर्वोत्तम श्रोत है, जन्म से लेकर बच्चे को 6 महीने तक बाहर को कोई भी आहार नहीं देनी चाहिए. उन्होंने नवजात शिशु और माँ के लिए कई महत्त्वपूर्ण जानकारी दी, जिसमें उन्होंने बताया कि जन्म के 1 घंटा के बाद बच्चा सो जाता है. उससे पहले बच्चे को माँ का पहला पिला गाढ़ा दूध पिलाना बहूत जरुरी होता है. इसे एक भाषा में अमृत भी कहा जा सकता है.स्तनपान कराने से महिलाओं में ब्रेस्टकैंसर का खतरा कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि अक्सर महिलाओं में भ्रम होता है कि उनके दूध से बच्चे का पेट नहीं भरता है, किंतु यदि बच्चा पूरे दिन में 4 से 5 बार मूत्र त्याग करता है तो समझिए बच्चे का पेट ठीक से भर रहा है.

जच्चा-बच्चा को लेकर कई रूढ़ि परंपरा

एक मात्र माँ के दूध से ही बच्चों को संक्रमित रोग से बचाया जा सकता है. सुपरवाईजर तपती लायक ने बताया कि समाज में जच्चा-बच्चा को लेकर कई रूढ़ि परंपरा है. जिससे अक्सर माँ और बच्चे दोनों पर खतरा बना रहता है. उन्होंने कहा आज के कार्यक्रम में ब्लॉक लेडी कोउन्सेलर डॉ० तमा हुसैन, सेविका सबिला खातून, पूर्वी दास, पिंकी साव, शुक्ला दास, रमा चौधरी, झूमुर चटर्जी,मनीषा पॉल,कल्याणी माजी, रुबीना खातून, समेत दर्जनों सेविका व सहायिका ने कार्यशाला को सफल बनाने सराहनीय भूमिका निभाई है. मौके पर जिला परिषद् मोo अरमान, तृणमूल युवा नेता भोला सिंह, देन्दुआ पंचायत प्रभारी जेपी सिंह, सुशांतो हेम्ब्रम, चन्दन रजक, दिलीप रूज, भरत मंडल, कंचन लाहा, बिमल गोराई आदि समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे.

Last updated: अगस्त 2nd, 2018 by kajal Mitra
kajal Mitra
Associate correspondent and Photographer from Salanpur, Chittranjan( Dist. Pashchim Bardhman: West Bengal)
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