भारतीय समयानुसार 19 नवम्बर को चंद्र ग्रहण सुबह 11:32 मिनट से शुरू होकर शाम 05:33 मिनट पर खत्म होगा, भारत में ये ग्रहण समाप्ति के दौरान आंशिक तौर पर देखा जा सकेगा, आंशिक होने की वजह से इस ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होगा, यानि पूजा-पाठ संबंधित किसी भी तरह की पाबंदियाँ मान्य नहीं होंगी।
भारत में यह चंद्र ग्रहण उपछाया के रूप में दिखाई देगा. भारत में ये ग्रहण केवल अरुणाचल प्रदेश और देश के पूर्वी सीमांत क्षेत्रों में ही दिखाई देगा, इसके अलावा अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में भी इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा. ज्योतिषआचार्य के अनुसार ये चंद्र ग्रहण वृष राशि और कृत्तिका नक्षत्र में लगेगा।
साल का अंतिम चंद्र ग्रहण वृष राशि में लग रहा है इसलिए इस राशि के जातकों को ग्रहणकाल के दौरान सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। इन राशि के जातकों को स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इसके अलावा सिंह राशि, वृश्चिक राशि और मेष राशि के जातकों को भी इस ग्रहण के दौरान स्वास्थ्य को लेकर बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। इसके अलावा इन राशियों को कुछ आर्थिक हानि भी उठानी पड़ सकती है।
इस ग्रहण काल के दौरान किसी भी तरह के निवेश से बचने की जरूरत है वरना आपको भारी नुकसान होने की संभावना है , यह चंद्र ग्रहण कुछ राशियों के लिए बहुत अच्छे फल लेकर भी आने वाला है। इस ग्रहण का सबसे अच्छा प्रभाव तुला, कुंभ और मीन राशि वालों पर पड़ेगा। इन राशि के लोगों को उनके कार्यों में सफलता मिलेगी और करियर में आ रही बाधाएं दूर होंगी। इस दौरान व्यापार से जुड़े लोगों को भी लाभ होने की संभावना है।
ग्रहण वाले दिन पड़ने वाले व्रत की पारणा व्रत के अंत के किए जाने वाले भोजन के संबंध में शास्त्रकारो के अनुसार ग्रहण के सूतक में और ग्रहण काल में पारण नहीं करनी चाहिए ग्रहण समाप्ति होने पर ही पारण करनी चाहिए ऐसा करने से सूचक नहीं लगता हैं और यह चंद्रग्रहण का इंतजार सभी भारतवासी को हैं।