चित्तरंजन। चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना के सैकड़ों श्रमिक शनिवार को प्रस्तावित लॉन्ग मार्च में शामिल हुए। चिरेका महाप्रबंधक कार्यालय के बाहर से जुलूस निकाला गया।
इस सबंध में चिरेका के वरिष्ठ इंटक नेता इंद्रजीत सिंह ने मौके पर बताया कि इस लॉन्ग मार्च में चिरेका के कुल 12 श्रमिक संगठन शामिल हुए हैं। केन्द्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ यह मार्च निकाला गया है। सरकारी कल-कारखानों को निजीकरण करने की जो रणनीति चल रही है इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
हमलोग कोलकाता जाकर बंगाल के राज्यपाल को केन्द्र सरकार के गलत नीतियों के खिलाफ ज्ञापनपत्र देंगे। कहा कि ट्रेनों और स्टेशनों की निजीकरण बंद करने, रेलवे में छंटनी की साजिश को नाकाम करने, चिरेका सहित सातों प्रोडक्शन यूनिटों के निगमीकरण के खिलाफ हमलोगों ने आंदोलन छेड़ दिया है जो नहीं रूकेगा। सालानपुर, नियामतपुर, आसनसोल, दुर्गापुर, पानागढ़, बुदबुद, बर्द्धवान, मेमारी, बांसबेड़िया होते हुए हमलोग 11 दिसंबर को कोलकाता पहुँचेंगे तथा 11 दिसंबर को हमलोग वापस चित्तरंजन लौट आयेंगे।
मौके पर चिरेका के श्रमिक सत्यनारायण मंडल ने चिरेका का माॅडल इंजन गले में लटकाकर लॉन्ग मार्च में शामिल हुए। उसने कहा कि अगर चिरेका बचेगा तभी हमलोग बचेंगे और मौका मिला तो राज्यपाल को मॉडल रूपी इंजन चलाकर भी दिखायेंगे।
दोपहर को जुलूस सालानपुर गाँव स्थित माकपा के पार्टी कार्यालय में आकर रूकी जहाँ से दोपहर का भोजनकर जुलूस नियामतपुर के लिए निकल गयी। फिर वहाँ से आसनसोल से रविवार को कोलकाता के लिए जुलूस आगे जाएगी। मौके पर छात्र नेता मिथुन मंडल, माकपा नेता शेख नुरूल इस्लाम, अशोक बनर्जी, मेघनाथ बनर्जी, स्वपन दां आदि उपस्थित थे।