भारी मात्रा में तस्करी के शराब बरामद ।
बीते बुधवार ही को लखीसराय डीएम ने एसपी की मौजूदगी में पूरे शानो-सौकत के साथ भारी मात्रा में अवैध शराब को नष्ट किया था और उसी दिन किउल स्टेशन में काफी मात्रा में अवैध शराब भी जब्त हुये थे । शुक्रवार एक बार फिर किउल स्टेशन से काफी मात्रा में अवैध शराब जब्त किया गया। किउल जीआरपी थाना अध्यक्ष अशोक कुमार के नेतृत्व विभिन्न ट्रेनों में चलाये गए विशेष तलाशी अभियान के दौरान 13105 अप सियालदह-बलिया एक्सप्रेस से काफी मात्रा में तस्करी के अवैध शराब बरामद करने में पुलिस को सफलता मिली है. जमालपुर एसआरपी शंकर झा के निर्देश पर किउल जीआरपी थाना अध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि सियालदह-बलिया एक्सप्रेस से एक बोरे में रखे 750 एमएल के बीपी -4 बोतल, 180 एमएल ओसी -80 बोतल एवं 200 एमएल देशी मसालेदार -556 पाउच बरामद किया गया हैं. संबंधित मामले को लेकर अज्ञात के खिलाफ किउल रेल थाना कांड सं0-60/18 दर्ज किया गया है.
नितीश कुमार के गले का फांस न बन जाये शराबबंदी
हाल के दिनों में किउल स्टेशन से लगातार अवैध सामानों की बरमदगी हुई। एक दिन पहले की यहाँ से भारी मात्रा में शराब जब्त किया गया था। उसके दो दिन पहले भारी मात्रा में अवैध हथियार जब्त किए गए थे। उससे पहले से भी लगातार अवैध शराब और हथियार की बरामदगी जारी है । निस्संदेह जमालपुर एसआरपी शंकर झा और किउल के आरपीएफ़ एवं जीआरपी सराहना के पात्र हैं लेकिन एक सवाल यह भी उठता है कि बिहार में अवैध शराब का सिलसिला रुक क्यों नहीं रहा। कहने को तो बिहार में शराब बंद है लेकिन बिहार के किसी भी गाँव-शहर में शराब बड़ी आसानी से उपलब्ध है । ऐसे में वे सभी शराब को किन मार्गों से लाते हैं । उसमें कभी छापेमारी क्यों नहीं हुयी। हाल ही में लखीसराय में एक अखबार डीलर की हुई हत्या को भी शराब से ही जुड़ा माना जा रहा है । यह शराबबंदी बिहार में नए तरह के अपराध को लेकर आया है। यदि वर्तमान सरकार ने तुरंत ही कड़े कदम नहीं उठाए और शराबबंदी को पूर्ण रूप से लागू नहीं किया तो यही शराबबंदी उनके गले का फांस बन जाएगा और बिहार की जनता में सरकार के प्रति भरोसा समाप्त हो जाएगा जिसका खामियाजा उन्हें चुनाव में भुगतना पड़ेगा।