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आधे घंटे के लिए बत्ती बंद कर चिरेका निजीकरण हुआ विरोध

आधे घंटे के लिए बत्ती बंद कर चिरेका निजीकरण का विरोध करते प्रदर्शनकारी

चित्तरंजन/ सालानपुर : केंद्र सरकार ने चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना समेत देश और राज्य के 42 राष्ट्रीय संस्थान को निजीकरण (100 डे एक्शन प्लान) के विरुद्ध डीएलडब्ल्यू जॉइंट एक्शन कमिटी द्वारा शुक्रवार रात्रि 8 बजे से आधा घण्टा के लिए पूरा रेल नगरी अंधकार में डूब गया। इसी बीच दुकान से लेकर प्रतिष्ठानों में भी लालटेन और मोमबत्ती रौनक बढ़ा रही थी।

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देश भर में निजीकरण के लेकर आंदोलन के साथ-साथ चित्तरंजन में भी लगातार आंदोलन जारी है । चित्तरंजन कारखाने के मजदूरों से लेकर मज़दूरों, परिवारों और स्थानीय व्यापारियों ने एक जुट होकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ।

लोगों ने अपने घरों, दुकानों को लाइट बंद करके पूरे शहर को ब्लैकआउट रखा । इसका उद्देश्य केंद्र सरकार को संदेश देना है कि अगर केंद्र सरकार ने अपना विचार नहीं बदला तो चित्तरंजन रेलवे इंजन कारखाना बचाओ समिति और संयुक्त कार्यवाही समिति आने वाले दिनों में व्यापक आंदोलन करने को बाध्य होगी।

संयुक्त कार्यवाही समिति के संयोजक नेपाल चक्रवर्ती ने कहा, “आसनसोल के सांसदों को चित्तरंजन रेलवे इंजन कारखाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पिछले वित्तीय वर्ष में, हमारे पास 400 रेल इंजन बनाने का लक्ष्य था। जिसे हमने 402 इंजन बनाकर सफलता हासिल की ।

इस लक्ष्य को पूरा करने के बाद चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना को 500 रेल इंजन निर्माण करने का लक्ष्य दिया गया है ,हम उस लक्ष्य को भी पूरा करेंगे। फिर भी अगर इस लाभान्वित संस्थान को निजीकरण किया गया तो कारखाना भविष्य खतम हो जाएगा। इस निजीकरण प्रस्ताव को वापस नहीं किया गया तो हम सब रेल श्रमिक एकजुट होकर दिल्ली में अनशन करेंगे।

शिवसेना पश्चिम बर्द्धमान अध्यक्ष अभिषेक सिंह ने कहा कि ये सरकार ब्यपारियों की सरकार है, इसने अपने आपको एक ब्राण्ड बना लिया है, इसलिए वो किसी गरीब की बात नहीं सुनेगी।भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसी पार्टी के सरकार नहीं है ये सरकार अडानी, मदानी और अम्बानी की सरकार है। उन्होंने सांसद पर हमला करते हुए कहा कि इस बार हमलोग सर्कस करने वाले को संसद चुनकर गलती किये है। माननीय सांसद महोदय को ये भी मालूम नहीं कि निजीकरण, ट्रीपल (पी) में क्या अंतर होता है।

मौके परसत्यनारायण मंडल, एस एन सिंह, नेपाल चक्रवर्ती, निर्मल मुखर्जी, एसके लाहा, सोमेन दास, एस के साही, आशीश मुखर्जी, अशोक चौधरी, पिन्टु पांडैय, श्यामल गोप, मिथुन मंडल, सोमनाथ राय, इंद्रजीत सिंह, गुलाव यादव, आशीष मुखर्जी, ए बेरा, सैलेन विश्वास सहित यूनियन के कार्यकर्ता सहित अन्य लोग मौजूद थे।

Last updated: जुलाई 21st, 2019 by Guljar Khan