अंडाल/ काजोड़ा ग्राम पंचायत के अंतर्गत मारवाड़ी कोठी में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का अंतिम दिन
साध्वी ज्योति जी ने कथा के अंतिम दिन भी श्रीमद् भागवत का रसपान करने के लिए भक्तों का सैलाब कथा स्थल पर उमड़ पड़ा। कथावाचक सुनील कृष्ण महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का समापन करते हुए कई कथाओं का भक्तों को श्रवण कराया जिसमें प्रभु कृष्ण के 16 हजार शादियाँ के प्रसंग के साथ, सुदामा प्रसंग और परीक्षित मोक्ष की कथायें सुनाई।
इन कथाओं को सुनकर सभी भक्त भाव विभोर हो गए। कथा समापन के दौरान कथा वाचिका साध्वी ज्योति जी ने भक्तों को भागवत को अपने जीवन में उतारने की बात कही जिससे सभी लोग धर्म की ओर अग्रसर हो।
अमृत से मीठा अगर कुछ है तो वह भगवान का नाम है
उन्होंने कहा कि अमृत से मीठा अगर कुछ है तो वह भगवान का नाम है, परमात्मा सत्यता के मार्ग पर प्राप्त होते है, मन-बुद्धि, इंद्रियों की वासना को समाप्त करना है तो हृदय में परमात्मा की भक्ति का दीप जलाना पड़ेगा। परब्रम्ह परमात्मा का नाम कभी भी लो, हर समय परमात्मा का चिन्तन करें क्योंकि ईश्वर का प्रतिरूप ही परोपकार है।
कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की ओर समाज में समानता का संदेश दिया। साथ ही भक्तों को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है तो वहीं इसे कराने वाले भी पुण्य के भागी होते है।
इस मौके पर यज्ञ के आचार्य अनंत कुमार शास्त्री, आर के राज,रवीन्द्र गुप्ता,शंकर कर्ष, संजय पाण्डेय, अशोक बर्णवाल,रामरूप सिंह, फाल्गुनी हरिजन, नाथू अग्रवाल, नरेश तांती,सुरेश कर्ष, उपेन्द्र पासवान व अन्य सभी कमिटी के सदस्य उपस्थित थे l