अंडाल 13 नंबर रेलवे कालोनी के एटीपी रेलवे मैदान में आयोजित काली पूजा का इतिहास बहुत ही पुराना है। अंडाल की यह काली पूजा अपने सबसे ऊंची प्रतिमा के लिए जानी जाती थी , हालाँकि समय के साथ इसकी ऊंचाई कम होती चली गयी लेकिन आज भी यह प्रतिमा अंडाल की सबसे ऊंची प्रतिमा होती है। अब भी इसकी ऊँचाई करीब दस फिट रहती है।
बड़े आकर की प्रतिमा होने के कारण यहीं पर बनाया जाता है। एक समय कभी यह पूजा पंडाल पूरे अंडाल में प्रसिद्ध थी और यहाँ काफी रौनक रहती थी। इस पूजा का आयोजन कालोनी के ही रेल कर्मचारी एवं उनके बच्चे मिलकर करते हैं। हालाँकि समय के साथ कालोनी में रेल कर्मचारियों की कम होती संख्या एवं बढ़ते बजट का असर इस पूजा पर पड़ा है फिर भी यहाँ के युवकों ने इसके गौरवमय इतिहास को अब भी बरक़रार रहता है जो सराहनीय है ।
जुआ एवं शराब के अड्डे ने भी इसकी प्रतिष्ठा धूमिल की
वर्तमान समय में अंडाल का यह रेलवे कालोनी जुआ एवं शराब के अड्डे के लिए पूरे अंडाल में विख्यात है। वैसे तो यहाँ वर्ष भर जुआरियों और शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है लेकिन दुर्गापूजा और दिवाली के मौके पर इनकी रौनक बढ़ जाती है। अंडाल थाना के ठीक पीछे मात्र 200 मीटर की दूरी पर जुआरियों और शराबियों का जमावड़ा कई जगह दिख जाना बहुत आम है।