सालानपुर। ईसीएल सालानपुर एरिया अंतर्गत डाबर कोलियरी में कार्यरत आरएलए-एसटीए(जॉइंट वेन्चर) नामक आउटसोर्सिंग कंपनी के कार्यालय के समक्ष गुरुवार को दर्जनों मज़दूरों ने तीन माह की बकाया भुगतान समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। साथ ही कहा कि उन्हें किसी भी तरह की पीएफ या इइसआई का भुगतान नहीं किया जाता है। कंपनी मजदूरों का शोषण कर रही है, कंपनी स्थानीय होने के कारण मनमानी कर रही है, पर्याप्त खनन स्थान नहीं होने का हवाला देकर डाबर कोलियरी की काम को बंद कर दिया गया है। जिससे यहाँ कार्यरत सैकड़ों मज़दूर बेरोजगार हो चुका है।
मज़दूरों ने कहा कि उन्हें तत्काल रोजगार नहीं दिया गया तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस संबंध में कंपनी के अधिकारी जयंत शर्मा ने कहा कि श्रमिकों का दावा सीधे तौर पर गलत है। उनके पास कोई बकाया नहीं बचा है। इसके अलावा, कई श्रमिकों को डाबर कोलियरी से मोहनपुर कोलियरी में काम के लिए स्थानांतरित किया गया है। डाबर कोलियरी में खनन के लिए जगह नहीं है। मामले के संदर्भ में तृणमूल आईएनटीटीयूसी(केकेएससी) श्रमिक संगठन नेता नेता दिनेश लाल श्रीवास्तव ने आरएलए-एसटीए(जॉइंट वेन्चर) आउटसोर्सिंग कंपनी पर आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि कंपनी कोयला चोर है, उन्हें यहाँ चोरी करने नहीं दिया जाता है इसीलिए खनन कार्य को बंद कर दिया है।
निजी कंपनी का निबंध इसीएल के साथ अप्रैल तक का है। खनन का पूरा स्थान होने के बाद भी काम बंद कर दिया गया है, जिससे सैकड़ों मज़दूरों के समक्ष भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कंपनी चोरी छिपे यह से खनन मशीनों को निकालना चाहती है। किंतु विगत तीन माह के भुगतान के बाद ही कंपनी से वार्ता होगी। उन्होंने कहा पहले मजदूरों की हित की चिंता है। मजदूरों की मांगें नहीं मानी गई तो मजदूर वृहद आंदोलन करेंगे।
मौके पर काजल बाउरी, मिंटू सिंह, सोनू नोनिया, देवाशीष गोस्वामी, मो० कमरुद्दीन, तपन गोराई, उज्जल दास, राहुल मंडल, संजीत सिन्हा, सुब्रत मंडल, विद्युत दास समेत अन्य उपस्थित थे।