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लॉकडाउन में फैक्ट्री संचालन कर सभी नियमों की धज्जियाँ उड़ा रही है यह विख्यात कंपनी

मधुपुर । काँच के समान बनाने के लिए दुनिया भर में मशहूर ला-ओपाला आरजी लिमिटेड लॉक डाउन में भी फैक्ट्री संचालन कर सभी नियमों की धज्जियाँ  उड़ा रहा है ।  उपायुक्त देवघर के दिशा निर्देश का मजाक उड़ाया जा रहा है  । भट्टी पर मजदूर बिना मास्क व सैनिटाइजर के कार्य कर रहे हैं।  मजदूरों का आरोप प्रबंधन मास्क व सैनिटाइजर नहीं दे रहा  और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है ।  एसडीओ योगेंद्र प्रसाद ने कल जाँच कर कार्यवाही करने की बात कही है

उपायुक्त देवघर के निर्देश पर 11 बिंदुओं के शर्तों के साथ फैक्ट्री खोलने का निर्देश जारी किया गया था। लाओपाला फैक्ट्री ने एक नोटिस जारी कर सभी मजदूरों को काम पर लौटने को कहा जबकि सीमित मजदूरों के साथ फैक्ट्री खोलने की निर्देश दी गई थी । लेकिन ऐसा नहीं किया गया ।

जहाँ मधुपुर में प्रशासन लगातार अपील कर रही है कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और इसे पालन कराने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रही है  वहीं ला -ओपाला फैक्ट्री में सिर्फ और सिर्फ प्रोडक्शन से मतलब है । मजदूरों का आरोप है कि प्रबंधन बिना नियम का पालन कर फैक्ट्री चलाना चाहती है जो उचित नहीं है ।

मंडे मॉर्निंग न्यूज़ नेटवर्क की हमारी टीम व कुछ स्थानीय पत्रकार जब ला -ओपाला फैक्ट्री पहुंचे  और वहाँ देखा  कि गेट पर ना तो सैनिटाइजर की व्यवस्था थी और ना ही मजदूरों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग । हम फैक्ट्री के अंदर जब पहुँचे तो हमने देखा कि वहाँ पर दर्जनों लोग बिना मास्क के ही काम कर रहे हैं । मजदूरों से इसके बारे में जानकारी ली तो उनका साफ कहना था कि प्रबंधन द्वारा मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं कराया गया है।

प्रबंधन के रवैये से मजदूरों में दिखी नाराजगी

मजदूरों का साफ कहना है कि ऑफिस में बैठे बाबू को मोटी तनख्वाह मिलती है, उनका प्रमोशन होता है। इसलिए वे सभी सारे नियम कानून को ताक पर रखकर सिर्फ और सिर्फ मालिक की ही जी हजूरी करते हैं । हम गरीबों, लाचारों ,बेसहारों और असहायों से उनका कोई लेना-देना नहीं । इस गंभीर परिस्थिति में जब दुनिया की सारी फैक्ट्री ,संस्थान बंद है । उस परिस्थिति में भी हम लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है । प्रबंधन को सिर्फ वस्तु के उत्पादन की ही चिंता है। मजदूर इस विकट परिस्थिति में असुरक्षा के माहौल में सुरक्षित होकर कैसे काम करें। इसके लिए प्रबंधन ने कोई इंतजाम नहीं किया है। हमारी टीम या फैक्ट्री का निरीक्षण कर बाहर निकली तो प्रबंधन उल्टे हैं मीडिया वालों से उलझ पड़े ।उन्होंने अपने सफाई में कुछ ना कह कर मीडिया पर ही आरोप मढ़ना शुरू कर दिया ।यहाँ पर यह कहावत सही चरितार्थ होगी उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे ।

मीडिया कर्मियों के साथ प्रबंधन ने की बदसुलूकी

प्रबंधन के तरफ से प्रभात कुमार के अलावा कोई भी लोग सही से कुछ कहने को तैयार नहीं थे । सभी शोर मचाना ,हल्लागुल्ला और गाली गलौज पर आमादा हो गए थे। ला-ओपाला के पी आर हेमंत नारायण सिंह उर्फ मोती सिंह ने तो हद ही कर दी उन्होंने अपने अभद्रता के व्यवहार से सबों को लज्जित कर दिया। उनका सिर्फ यही कहना था कि यह पूर्व प्रायोजित योजना है और बाहरी लोगों के बहकावे से मीडिया ऐसा कर रही है । वहीं इस संबंध में जब हमने अनुमंडल पदाधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि उपायुक्त द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुरूप वे कल अंचलाधिकारी से जाँच कराकर विधि सम्मत कार्यवाही करेंगे।

गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर ख्याति प्राप्त काँच के सामान बनाने वाली कंपनी ला-ओपाला का कारख़ाना मधुपुर में ही है । यह कारख़ाना मधुपुर का गौरव है लेकिन मजदूरों की सुरक्षा का ध्यान जरूर रखना चाहिए  और सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए ।  

Last updated: अप्रैल 23rd, 2020 by Ram Jha