भगवान श्री कृष्ण के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाने वाला जन्माष्टमी पर्व को लेकर आसनसोल शिल्पांचल तथा आसपास इलाके में सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई, जहाँ पूरा शिल्पांचल कृष्णमय होकर श्रीकृष्ण की भक्ति में सराबोर है. जन्माष्टमी को लेकर विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा की व्यवस्था की गई है, साथी मंदिरों को रंग बिरंगी लाइट द्वारा आकर्षक ढंग से सजाया गया है.
इस मौके पर विभिन्न स्थानों पर कई तरह के धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा. वहीं क्षेत्र के अधिकतर लोग इस पर्व को अपने-अपने घरों में मनाए जाने को लेकर खासा उत्साह में है. जन्माष्टमी को लेकर रविवार को बाजारों में विशेष चहल-पहल रही. श्रद्धालुओं ने पूजा सामग्री फलों की खरीदारी की. शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद (भादो) अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.
इस संबंध में पंडित किशोर पांडे ने बताया कि श्री कृष्ण का व्यक्तित्व संपूर्ण मानवता पर अत्याचार व अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करने की प्रेरणा देता है, श्रीकृष्ण ने भगवत गीता के माध्यम से ज्ञान कर्म और भक्ति योग्यता का संदेश दिया है, उसकी प्रासंगिता युगों-युगों से चली आ रही है. श्री पांडे ने कहा हमें उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारना चाहिए, जिससे हम अपने जीवन को मंगलमय एवं उज्जवल बना सकते हैं.