किसी भी सुहागन के लिए माँ वट सावित्री की पूजा करना किसी धाम के जाने जैसा ही ये बातें मैं नहीं कह रहा हूँ अगर आज धनबाद समेत पुरे कोयलाँचल की अगर हमसब बातें करें तो एक बात तो अवश्य साफ हो जाती हैँ कि इस माँ की पूजा करने को लेकर किया नई नई शादीशुदा महिलाएं हो या बुजुर्ग सबों ने लगभग इस वट सावित्री माँ की पूजा पुरे विधि विधान से किया हैँ वहीँ आज लगभग 11 बजे से सभी सुहागिने बरगद के पेड़ में मौली धागा को बांधकर अपनी सुहाग की रक्षा हेतु दृढ संकल्प लेती हैँ और माँ वट सावित्री से अपने पति की लम्बी आयु हेतु प्रार्थना भी करती हैँ और आशा और विश्वास के साथ प्रत्येक वर्ष इस पर्व को मनाने के लिए माँ वट सावित्री से आशीर्वाद भी मांगती हैँ जय वट सावित्री माँ