कोटा से विद्यार्थी पहुंचे घर , मजदूरों को अभी करना पड़ रहा है इंतजार
आसनसोल । लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे हुए से करीब ढाई हजार विद्यार्थियों को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रयास से बसों द्वारा पश्चिम बंगाल वापस लाया गया। राज्य के विभिन्न हिस्से में विद्यार्थियों को पहुँचा दिया गया । मुख्य मंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में राज्य प्रशासन ने बड़ी ही कुशलता के साथ इस अभियान को सफल किया और कहीं से कोई अप्रिय समाचार नहीं मिला ।
शुक्रवार, एक मई को डिबुडीह चेकपोस्ट से विद्यार्थियों से भरी बसों ने पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश किया । डीबूडीह चेक पोस्ट से ही राज्य पुलिस एवं जिला प्रशासन के लोग सक्रिय थे और कहीं कोई त्रुटि न हो इसकी पूरी निगरानी कर रहे थे ।
विद्यार्थियों से भरे इन बसों को आसनसोल के दो हिस्से में पहले ठहराया गया । यहाँ उन्हें भोजन कराया गया, उनकी स्वास्थ्य जाँच की गई, उन्हें मास्क आदि दिया गया। मंत्री मलय घटक, मेयर जितेंद्र तिवारी एवं अन्य अधिकारियों ने विद्यार्थियों से बात की, उनका हाल -चाल जाना और फिर वहाँ से राज्य के विभिन्न हिस्सों के लिए बसों को रवाना किया गया ।
विद्यार्थियों से भरे कुछ बसों को आसनसोल के पैनोरमा पार्क में ठहराया गया और कुछ बसों को आसनसोल के निंघा स्थित रेसिडेंसी होटल में ठहराया गया। पैनोरमा पार्क में मंत्री मलय घटक दायित्व संभाले हुये थे और निंघा होटल में आसनसोल नगर निगम के मेयर जितेंद्र तिवारी मोर्चा संभाले हुये थे । उनके अलावे पुलिस आयुक्त सुकेश कुमार जैन, एवं जिला शासक पूर्णेन्दु कुमार मांझी के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम दोनों स्थानों पर नजर बनाए हुये थे । विद्यार्थियों के लौटने पर उनके अभिभावकों ने भी राज्य के मुख्यमंत्री एवं सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए खुशी जताई।
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मेयर जितेंद्र तिवारी ने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रयास से ही यह संभव हो पाया है । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद इस अभियान की निगरानी कर रही हैं एवं युवा सांसद अभिषेक बनर्जी भी लगातार इस पर नजर रखे हुए हैं । दोनों पल-पल की खबर ले रहे हैं । आज मुख्यमंत्री के प्रयास से यह बच्चे अपने घर वापस लौट रहे हैं।
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घर लौटने की खुशी इनके चेहरे के भाव देखकर समझा जा रहा है । उनकी खुशी को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है । उन्होंने इस दौरान जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के सहयोग की भी सराहना की।
देश के विभिन्न हिस्सों में फँसे मजदूरों की भी सुध ले राज्य सरकार
सभी विद्यार्थी अपने घर पहुँच गए यह बहुत ही सुकून देने वाली बात है लेकिन साथ राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस सम्मान एवं आदर के साथ राजस्थान के कोटा के हजारों विद्यार्थी लाये गए, उसी सम्मान एवं आदर से देश के विभिन्न हिस्से में फंसे मजदूरों एवं गरीब भी अपने घर पहुँच सकें ।
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यह बात केवल पश्चिम बंगाल ही नहीं पूरे देश के सभी राज्यों के परिदृश्य में उठ रही है और अब लोग मांग कर रहे हैं कि जितनी तत्परता से विद्यार्थियों को लाया गया उतनी ही तत्परता एवं सम्मान के साथ मजदूरों को भी लाया जाये अन्यथा अमीरी और गरीबी का यह भेद आने वाले कई वर्षों तक राज्य और केंद्र सरकार का पीछा करती रहेगी और उनके लिए जवाब देना मुश्किल हो जाएगा ।
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