सालानपुर । ईसीएल सालानपुर एरिया अंतर्गत डाबर कोलियरी में श्रमिक की मौत के बाद पुनः नियोजन की मांग को लेकर सहकर्मियों तथा ट्रेड यूनियन की प्रतिनिधियों ने शव के साथ जमकर प्रदर्शन करते हुए लगभग 8 घंटे डाबर कोलियरी का डिस्पैच ठप कर दिया, 3 दिन के अन्दर परिजन को नियोजन की सहमती के बाद शव को अंत्यपरीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेजा गया ।
हाजिरी घर के सामने ही हो गयी मृत्यु
घटना के सन्दर्भ में बताया जाता है कि ईसीएल डाबर कोलियरी में डोज़र ओपरेटर के पद पर कार्यरत देवानंद प्रसाद(53) सोमवार की तड़के सुबह ड्यूटी के लिए निकले थे, हाजरी घर से महज 2 मिनट की दूरी पर अचानक उनका तबियत खराब हो गया । बताया जाता है कि उनके सीने में तेज़ दर्द हुआ जिसके बाद हृदयगति रुक जाने से उनका निधन हो गया । हालाँकि इस दौरान उन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल भी ले जाया गया किन्तु तब तक देवानंद की मौत हो चुकी थी ।
डाबर कोलियरी हाजिरी घर के सामने शव को रखकर प्रदर्शन
घटना के बाद आई एनटीटीयूसी श्रमिक संगठन नेता दिनेश लाल श्रीवास्तव, सेशनाथ गिरी, एचएमएस श्रमिक संगठन के असीम कुमार नाग, खितिज दास, एआई टीयूसी नेता राजेश सिंह,शैलेन्द्र सिंह, आईएनटीयूसी के भूमिधर मंडल, सीआईंटीयू के संजय बनर्जी तथा प्रभात राय समेत सभी श्रमिक दल ने डाबर कोलियरी हाजरी घर के सामने शव को रखकर प्रदर्शन करते हुए सुबह 7 बजे ही डिस्पैच ठप करा दिया और प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया ।
कोलियरी मैनेजर प्रभात कुमार के 2 घंटा लेट पहुँचने पर प्रदर्शनकारियों ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की
घटना के बाद सुबह कोलियरी मैनेजर प्रभात कुमार 2 घंटा लेट पहुँचने पर प्रदर्शनकारियों ने जमकर उनकी फजीहत की ओर आश्रित को तत्काल नियोजन देने की मांग की । जिसके बाद ईसीएल सालानपुर क्षेत्रीय कार्यालय से पीएम श्यामल चक्रवर्ती, साधू खा, एम एस विनायक तथा एजेंट एन के सिन्हा ने आश्रित परिवार को 10 दिन के भीतर नियोजन तथा मुआवजा देने की बात कही । किन्तु लोगों ने अधिकारियों को घेर कर पुनः तत्काल नियोजन देने की मांग पर घेर लिया ।
मामले को लेकर एनटीटीयूसी श्रमिक संगठन नेता दिनेश लाल श्रीवास्तव ने कहा प्रबंधन मनमानी कर रही है, नियम के अनुसार श्रमिक की मौत ईसीएल कैंपस तथा ड्यूटी ड्रेस में हुआ है । मृतक देवानंद 25 वर्षों से कोलियरी में कार्यरत है । इधर घटना की सूचना पाकर मृतक की पत्नी चाँद मुनि देवी, पुत्र लक्ष्मन पासवान, पुत्र रंजित पासवान एवं बेटी बबिता देवी तथा सविता कुमारी भी घटना स्थल पहुँचकर अपने पिता के शव से लिपटकर रोने लगे और उन्होंने आरोप लगाया की अगर यहाँ कोई चिकित्सक होता तो मेरे पिता को बचाया जा सकता था ।
आश्रित को तीन दिन के अन्दर नियोजन देने पर सहमती बनी
घटना के बाद सभी ट्रेड यूनियन की तथा ईसीएल अधिकारियों की सहमति पर आश्रित परिवार को तीन दिन के अन्दर नियोजन देने पर सहमती बनी । जिसे बाद मौके पर पहुँचे सालानपुर थाना प्रभारी कौशिक बनर्जी,रूपनारायणपुर फांड़ी प्रभारी सिकंदर आलम तथा पहाड़गोडा पुलिस इंचार्ज ने शव को अंत्यपरीक्षण के लिए आसनसोल जिला अस्पताल भेज दिया । एनटीटीयूसी श्रमिक संगठन नेता दिनेश लाल श्रीवास्तव ने कहा कि यदि आश्रित परिवार को तीन दिन के भीतर नियोजन नहीं मिला तो पुनः उग्र आन्दोलन किया जायेगा । तत्काल परिवार लाइफ कवर से 1 लाख 25 हजार समेत दाह-संस्कार हेतु 40 हजार की राशि दी गई ।