रविवार रात 12 बजकर 36 मिनट से शरद पूर्णिमा प्रारम्भ हो रही है । शरद पूर्णिमा को पश्चिम बंगाल में कोजागिरी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है और बंगाली समुदाय में इसका विशेष महत्त्व है ।
रात में माता लक्ष्मी करती है विचरण , जागने वाले भक्तों को देती है धन-वैभव का वरदान
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इसी दिन धन की देवी माँ लक्ष्मी का जन्म हुआ था। साथ ही मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात लक्ष्मी माता आसमान में विचरण करती हैं और जागने वाले भक्तों को धन-वैभव का वरदान देती हैं। इस वजह से देश के कई हिस्सों में इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है । ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से सभी दुःखों का नाश होता है और घर-गृहस्थी सुख-संपन्न हो जाती है ।
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की शरद पूर्णिमा को कोजागिरी पूर्णिमा कहा जाता है। शरद पूर्णिमा रविवार रात 12 बजकर 36 मिनट से शुरू हो रही है और यह सोमवार रात 02 बजकर 38 मिनट तक रहेगी ।