सालानपुर . कोल इंडिया में निजीकरण एवं केंद्र सरकार के विरुद्ध गुरुवार से विभिन्न ट्रेड यूनियनों की बैनर तले जॉइंट एक्शन कमिटी की तीन दिवसीय हड़ताल से पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी की श्रमिक संगठन आईएनटीटीयूसी(केकेएससी) ने स्वयं को अलग रखते हुए ईसीएल सालानपुर एरिया अंतर्गत बंजेमारी, डाबर, गौरंगडीह समेत मोहनपुर कोलियरी में बंद करने पहुँचे श्रमिक संगठनों का विरोध करते हुए कोल डिस्पैच को चालू रखा । हालांकि बाकी अन्य श्रमिक संगठनों ने तृणमूल कॉंग्रेस पर भाजपा से मिलीभगत का भी आरोप लगाया है।
गुरुवार को केकेएससी केंद्रीय कमिटी व्यवस्थापक सचिव दिनेश लाल श्रीवास्तव तथा केकेएससी श्रमिक संगठन की अगुवाई में डाबर कोलियरी में उत्पादन और डिस्पैच चालू रहा। हालांकि निजीकरण के घोर विरोधी रहें तृणमूल कॉंग्रेस की यहाँ दोहरी भूमिका की सवाल पर केकेएससी श्रमिक संगठन नेता दिनेश लाल श्रीवास्तव ने बताया कि पश्चिम की बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हड़ताल सख्त विरोधी है।
कोरोना के कारण पहले से कोल इंडिया घाटे में चल रही है। उत्पादन ठप हो जाने से पश्चिम बंगाल सरकार को भी भारी राजस्व की हानि होगी । राज्य सरकार की हानि मतलब जनता की हानि ऐसे स्थिति में केंद्र सरकार की निजीकरण और कोल इंडिया को नीलाम करने के विरुद्ध तृणमूल कॉंग्रेस लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने पर विश्वासरखती है।
उन्होंने कहा कि कोल इंडिया के सीएमडी द्वारा मुख्यमंत्री एवं बाराबनी विधायक विधान उपाध्याय से हड़ताल रोकने की निवेदन किया गया था। उसी के आलोक में आज पूरी क्षेत्र में डिस्पैच अन्य दिनों के मुकाबले अधिक रही, आगामी दो दिन भी केकेएससी श्रमिक संगठन मुस्तैदी के साथ हड़ताल का विरोध करते हुए उत्पादन को सुचारु रूप से चालू रखने में अपना सक्रिय भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहाँ केंद्र सरकार द्वारा कोल इंडिया को निजीकरण के दल दल में धकेलने के विरुद्ध आगामी दिनों में केकेएससी श्रमिक संगठन द्वारा सीएमडी का घेराव, भूख हड़ताल, विरोध प्रदर्शन किया जाएगा किन्तु कोल उत्पादन को किसी भी कीमत पर प्रभावित करने नहीं दिया जाएगा। मौके पर विकास बाउरी, लालमोहन माजी, सुबोध पासवान, सुजीत मित्रा, सुभोजित विश्वास समेत अन्य उपस्थित रहे।