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कीर्ति आजाद धनबाद से कॉंग्रेस प्रत्याशी घोषित , पिता ने सबसे पहले कोल माफिया शब्द का किया था इस्तेमाल

धनबाद से कॉंग्रेस लोकसभा प्रत्याशी की अटकलें पर आज पूर्ण विराम लग गया है कॉंग्रेस ने धनबाद से पूर्व क्रिकेटर और भाजपा के बागी सांसद कीर्ति आजाद को धनबाद से उतारा है। अब देखना है कि वे भाजपा के प्रत्याशी तथा वर्तमान तथा पिछले विजेता पशुपति सिंह को कितनी चुनौती दे पाते हैं।

मैथिल हैं कीर्ति आज़ाद

झारखंड में मैथिल परिवार की संख्या लाखों में है जो धनबाद, रांची, जमशेदपुर, सिंहभूम समेत झारखंड के अनेक स्थानों पर हैं । धनबाद लोकसभा के धनबाद और बोकारो जिला में लगभग 66 हजार मैथिल मतदाता हैं। कॉंग्रेस सवर्ण मतदाताओ के साथ मैथिल मतदाताओ को भी अपने पाले में करना चाहती है । दूसरी अहम बात धनबाद लोकसभा के मुसलमानों का भारी पैमाने पर जुड़ाव दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, अररिया, पूर्णिया समेत मिथिला के अन्य भागों से है। कीर्ति आजाद इन इलाकों के साथ देश में चर्चित चेहरा और भाजपा से बागी हैं जिसका फायदा उन्हें मिलेगा । कीर्ति आजाद का पैतृक गाँव झारखंड के गोड्डा जिला में है।

देखा जाए तो कॉंग्रेस ने इन्हीं सब को देखते हुए कीर्ति आजाद का चयन किया है । कीर्ति आजाद भाजपा के परंपरागत वोट में सेंधमारी कर सकते हैं । साथ ही झारखंड में कॉंग्रेस को मजबूती देने में मददगार साबित होंगे । रांची लोकसभा सीट के उम्मीदवार कॉंग्रेस के सुबोधकांत सहाय के लिए भी कीर्ति आजाद मददगार होंगे ।

कीर्ति आजाद के पिता ने सबसे पहले कोल माफिया शब्द का किया था इस्तेमाल

कीर्ति आजाद पिताजी अविभाजित बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत भगवत झा आजाद ने सबसे पहले धनबाद में कोल माफिया शब्द का इस्तेमाल किया था और कोल माफियागिरी पर रोक लगाने की कवायद शुरू की गयी थी ये बात अलग है कि तब से लेकर आज तक कोल माफिया पर लगाम नहीं लगाया जा सका है । इस बीच कई सरकारें आई और चली गयी ।

Last updated: अप्रैल 8th, 2019 by Pappu Ahmad