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असम में बांग्ला भाषियो की हत्या एवं चालीस लाख लोगों को नागरिकता से वंचित करने के विरोध में रैली

शनिवार की सुबह नागरिक संगहति मंच की ओर से सिटी सेंटर के एडीडीए बिल्डिंग के समक्ष से 30 जुलाई 18 को असम में एनआरसी के तहत चालीस लाख से अधिक लोगों को देश के नागरिकता से वंचित किए जाने एवं 5 बांगला भाषियों की हत्या के विरोध में रैली निकाली गई. यह रैली एडीडीए बिल्डिंग से शुरू होकर सिटी सेंटर ईलाके की परिक्रमा कर सिटी सेंटर बस स्टैंड में जाकर एक सभा में तब्दील हो गई.

सभा से विभिन्न वक्ताओं ने केंद्र सरकार पर हमला किया. संगठन के अध्यक्ष शक्तिपदो वधकार, देवाशीष राय, पुलक गोस्वामी, शुभाष साहा ने कहा केंद्र के भाजपा सरकार दिन मजदूरी करने वाले मजदूरों को एक साजिश के तहत नागरिकता से वंचित कर रही है. जो लोग इस देश में तीस-चालीस वर्षों से रह कर दिन-मजदूरी कर घर-परिवार को चला रहें हैं. भाजपा सरकार उन लोगों को नागरिकता देने से इंकार कर रही है.

सरकार को मालूम होना चाहिए कि बंगला देश का विभाजन तीन भागों में हुआ था. जिसमें आसम भी एक हिस्सा है. असम अब भारत में है. विभाजन के समय अनेक लोग रोजगार के लिए असम में ही रह गए थे. जिन लोगों को नागरिकता मिलना चाहिए, उन लोगों को नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार को इस विषय पर विचार करनें की जरूरत है.

Last updated: नवम्बर 10th, 2018 by Durgapur Correspondent