लोयाबाद। गया के प्रसिद्ध कव्वाल अफरोज चिश्ती ने “बर्बाद हो रहा है ये गुलिस्तां हमारा। ये वक्त ले रहा है इम्तिहान हमारा। नफरत को दूर कर दो, सब मिलकर आओ गाएं। सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा
प्रसिद्ध कव्वाल स्व इम्तियाज भारती के पोता खान भारती ने वफ़ा की मान ली आंधियाँ नहीं चलती। हिफाजतों के लिए टोलियाँ नहीं चलती। किसी भी मुल्क से अच्छा है अपना ये भारत, क्योंकि नमाजियों पर यहाँ गोलियाँ नहीं चलती जैसे कौमी तराना सुनाकर खूब दाद लूटी।
मौका था कौमी एकता के प्रतीक हजरत सैयद अब्दुल अजीज शाह बाबा के 82 वाँ उर्स मुबारक के मौके पर गुरुवार को आयोजित कव्वाली कार्यक्रम का। कार्यक्रम की शुरूआत खुदा के हमद शना से की गई।
खान भारती ने ”अगर हम एक दूसरे की धर्म की इज्जत करेंगे। कभी गर्मी नहीं आ सकती जज्बात में। जश्न ए मिलादुन्नबी हो या हो रामनवमी का जुलूस। आओ मिल कर निकालें हिंदू मुस्लिम साथ में।
अफरोज चिश्ती ने“ तन्हाइयों में बैठक के सोचा न किजिए। मैं तेरा आइना नहीं देखा न किजिए ”को श्रोताओं ने खूब पसंद किया। इसके अलावा दोनों कव्वालों ने एक से बढ़कर एक नाते नबी मनकबत गजल व कौमी तराने प्रस्तुत कर खूब दाद लूटी।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मुस्लिम कमिटी के अध्यक्ष मो० जहीर अंसारी महामंत्री मो० असलम मंसूरी राज कुमार महतो शाहरुख खान गुलाम जिलानी अनवर मुखिया मो० नईम मिस्त्री मो० जमालउद्दीन हाजी अब्दुल रउफ शेख मो० जमाल शेख मो० जहाँगीर एहतेशाम अंसारी सिकंदर ए आजम गुलाम मुस्तफा अब्दुल रउफ मो० जमील मो० जावेद अफसर मो० अली रजा आबिद रजा मो० मुकेश साव शिबलू खान गौतम रजक आदि सक्रिय योगदान दे रहे हैं।