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भला हमें क्या बिगड़ेगा जमाने वाले, हम मिटे तो समझो हिंदुस्तां मिट जाएगा

लोयाबाद। कौमी एकता के प्रतीक हजरत सैय्यद अब्दुल अजीज शाह बाबा 82 वाँ सालाना मुबारक पर आयोजित कव्वाली कार्यक्रम में मुजफ्फरपुर के प्रसिद्ध कव्वाल दिलबर साबरी व गया के मनव्वर ताज के बीच जमकर मुकाबला हुआ। दोनों कव्वालों के ग़ज़ल व मनकबत के बान चले।

कव्वाल दिलबर साबरी ने “जमाल ए रब है चेहरा नबी का। सबसे मर्तबा आला है मेरे नबी का। मेरे नबी को भी हिंदुस्तान प्यारा था।दुनियाँ से कुफ्र शिरक मिटाया रसूल ने। दुनियाँ को बताया अल्लाह एक है रसूल ने।

गया के प्रसिद्ध कव्वाल मनव्वर ताज ने” न चांदी काम आयेगी न सोना काम आयेगा। न मखमल का बिछौना काम आयेगा। रसूल अल्लाह की कमली का कोना काम आयेगा। न सरदार जाएँगे न तो जरदार जाएँगे, जन्नत में मुस्तफा के वफादार जाएँगे सुनाकर खूब दाद लूटी।

दिलबर साबरी ने “ताज को मीलानी सर बुलंदी है। माथे दुल्हन को लगानी बिंदी है। भारत माता की बेटियाँ दो है। एक उर्दू है एक हिंदी है।

मनव्वर ताज ने तोड़े कोई फूल तो गुलदान रो पड़े। निर्धन का घर जले तो धनवान रो पड़े। हिंदू का घर जले तो मुसलमान रो पड़े। भला हमें क्या बिगड़ेगा जमाने वाले, हम मिटे तो समझो हिंदुस्तां मिट जाएगा को सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में मुस्लिम कमिटी के अध्यक्ष मो० जहीर अंसारी महामंत्री मो० असलम मंसूरी राज कुमार महतो जगदीश चौधरी गुलाम जिलानी शाहरुख खान अनवर मुखिया मो० नईम मिस्त्री मो० जमालउद्दीन सज्जाद अंसारी हाजी अब्दुल रउफ शेख मो० जहाँगीर एहतेशाम अंसारी सिकंदर ए आजम गुलाम मुस्तफा अब्दुल रउफ मो० जमील मो० जावेद अफसर साहिन शम्स कैश आलम मो० अली रजा आबिद रजा मो० मुकेश साव शिबलू खान गौतम रजक आदि सक्रिय योगदान दे रहे हैं।

Last updated: दिसम्बर 13th, 2019 by Pappu Ahmad