एक शाम गणतंत्र दिवस के नाम- कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन
मधुपुर: शनिवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राजकीय समारोह के तहत स्थानीय मानवतावादी सांस्कृतिक फोरम द्वारा बेलपाड़ा स्थित पॉम हाउस में एक शाम गणतंत्र दिवस के नाम कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन एस डीओ योगेंद्र प्रसाद व एसडीपीओ वशिष्ठ नारायण सिंह ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत किया।
मौके पर फोरमके सामान्य वर्ग व शायर अरुण कुमार निर्झर ने कहा कि आज विश्वव्यापी भेदभाव और हिंसा के माहौल में दुनिया के तकरीबन 118 देशों में चलने वाला मानवतावादी आंदोलन परिमल की धनि छांव की तरह है जो पूरी दुनिया का मानवीय कर्ण करते हुए हर प्रकार की हिंसा के विरुद्ध सक्रिय हिंसक प्रतिवाद का हिमायती है।
मुख्य अतिथि अनुमंडल पदाधिकारी प्रसाद ने कहा कि साहित्य ही समाज का पथ प्रदर्शक होता है. दुनियाभर में जितने भी क्रांतियों हुई है, सब में कविता और शायरी की सक्रिय भूमिका रही है।
एसडीपीओ ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में ऐसे साहित्य आयोजनों का महत्त्व बढ़ जाता है। ऐसे आयोजन के लिए अरुण निर्झर धन्यवाद के पात्र हैं।
तत्पश्चात कविता और शायरी का दौर शुरू हुआ जिसमें में गिरिडीह,जमाताड़ा,आसनसोल,कुल्टी,देवघर के साथ-साथ स्थानीय कवि व शायरों ने अपनी-अपनी कलम का जोहार दिखाया।
कार्यक्रम में सभी शायरों व कवियों ने अपनी-अपनी शायर से उपस्थित लोगों को मोह लिया।मौके पर केशर जिया,अजीम मधुपुरी,अजीम शदाब,रजा मधुपुरी, अरुण निर्झर,पंकज भूषण,राजेश पाठक, सुरेंद्र उपाध्याय,धनंजय प्रसाद, आलोक गोरखपुरी,नारायण प्रसाद, सरयू प्रसाद पंडित,सौरभ झा, ताहिर फतेहपुरी, सोहेल अख्तर समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।
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