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सांकतोड़िया में कवि सम्मलेन ने लोगों को किया भाव – विभोर

कवियों ने खूब जमाया रंग आधी रात तक झूमे श्रोता

सांकतोड़िया(19/11/2017) :- ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के तत्वावधान में झालबगान स्थित डिसरगढ़ क्लब में शनिवार की देर संध्या को ईसीएल के निदेशक (कार्मिक) के॰ एस॰ पात्र की उपस्थिति में एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से पधारे गणमान्य कवियों ने अपनी कविताओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। सम्मेलन की शुरुआत में उप महाप्रबंधक (प्रशासन) पी॰ के॰ पात्र ने ईसीएल परिवार की ओर से उपस्थित कवियों का स्वागत करते हुए कहा कि काव्य मंचों की ऐसी सशक्त्त हस्तियाँ जब हमारे मंच पर मौजूद होती हैं तो यह हमारे लिए गौरव का विषय होता है।

” या तो यह तिरंगा लपेट घर आऊँगा माँए या तो यह तिरंगा सीमा पार लहराएगा”

सम्मेलन का आगाज़ डॉ॰ कीर्ति काले द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना के साथ हुआ। इसके पश्चात श्री प्रख्यात मिश्र (लखनऊ) ने राष्ट्र जागरण के गीतों से उपस्थित श्रोताओं में नव चेतना का संचार किया।” या तो यह तिरंगा लपेट घर आऊँगा माँए या तो यह तिरंगा सीमा पार लहराएगा” को लोगों ने खूब सराहा। डॉ॰ कीर्ति काले (नई दिल्ली) ने प्रेम से भरे अपने मुक्तकों और गीतों से उपस्थित श्रोताओं का मन जीत लिया। बिटिया की विदाई पर उनके गीत ने श्रोताओं की आँखों को नम कर दिया। वहीं श्री सूर्यकुमार पाण्डेय (लखनऊ) के हास्य.व्यंग्य ने लोगों के चेहरों पर मुस्कान लायी। एक ओर श्री पाण्डेय ने देश की युवा पीढ़ी की सोच को अपने हास्य.व्यंग्य के दोहों में समेटकर प्रस्तुत कर लोगों को गुदगुदाया वहीं दूसरी ओर आज़ादी के सत्तर साल श्शीर्षक कविता से उन्होंने देश की राजनीतिक व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया। गजलकार श्री सुशील साहिल (भागलपुर) ने अपनी सामाजिक सरोकार से जुड़ी गज़लों के माध्यम से व्यवस्था पर चोट की। वहीं सम्मेलन के मुख्य आकर्षण डॉ॰ विष्णु सक्सेना ने प्रेम की चासनी में डूबे अपने मुक्तकों और गीतों से उपस्थित श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

“रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा”

“रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा” “डाकिया डाक दे गया” जैसे गीतों ने श्रोताओं को प्रेम की पावन यात्रा करायी। इस मौके पर ईसीएल के राजभाषा विभाग द्वारा प्रकाशित हिन्दी गृह पत्रिका “ज्योत्स्ना” के नवीनतम अंक का विमोचन भी निदेशक (कार्मिक) एवं उपस्थित कवियों के करकमलों से किया गया। निदेशक (कार्मिक) श्री पात्रा ने कार्यक्रम विराम की घोषणा करते हुए उपस्थित समस्त कवियों के प्रति ईसीएल परिवार की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम कोयले से जुड़े लोगों के लिए ऐसा शुद्ध काव्यात्मक वातावरण तैयार करने का श्रेय केवल इन श्रेष्ठ कवियों को जाता है, जिन्होंने इस काव्य.संध्या को इतनी ऊँचाई प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन राजभाषा प्रभारी श्री जीतन कुमार वर्मा ने किया, वहीं काव्य.मंच का संचालन श्री सुशील साहिल द्वारा किया गया।

Last updated: नवम्बर 20th, 2017 by News Desk